प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह ने सरकारी सेवा से वीआरएस लेने की घोषणा की। आननफानन में केंद्र सरकार ने उनका वीआरएस मंजूर कर लिया। राजेश्वर सिंह बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं।
बीजेपी उन्हें सुल्तानपुर से चुनाव मैदान में उतार सकती है। उनके नेतृत्व में ईडी ने कई जानी-मानी हस्तियों पर छापे मारे थे। उन्होंने कई मामलो की जांच की थी। लेकिन सोशल मीडिया पर सवाल पूछा जा रहा है कि राजेश्वर ने अपने कार्यकाल में कुछ नेताओं पर छापे मारे थे, क्या बीजेपी उन्हें टिकट इनाम में दे रही है।
कौन हैं राजेश्वर, क्यों मिलेगा बीजेपी टिकट
उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर के मूल निवासी राजेश्वर सिंह धनबाद में इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स से डिग्री इंजीनियर हैं। उनके पास कानून और मानवाधिकार की डिग्री भी है। वो 2007 में ईडी में शामिल हुए थे। ईडी में डेपुटेशन पर आने से पहले राजेश्वर 10 साल तक यूपी पुलिस की सेवा में रहे और ईडी में 14 साल गुजारे। अभी उनकी सर्विस में 11 साल बचे थे।राजेश्वर सिंह जिन महत्वपूर्ण जांच से जुड़े रहे हैं, उनमें 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा, एयरसेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला, नोएडा पोंजी योजना घोटाला, गोमती रिवरफ्रंट घोटाला।
यहां यह बताना जरूरी है कि रिवरफ्रंट घोटाले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को घसीटने की कोशिश की गई थी।
राजेश्वर की जांच में सारे कथित घोटालों में कांग्रेस नेताओं के नाम सामने आए थे। सबसे प्रमुख 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कुछ साबित नहीं हो सका। एयरसेल मैक्सिस घोटाले में चिदंबरम परिवार को आरोपी बनाया गया था।
ईडी अधिकारी के रूप में उनके आदेशों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) निवारण अधिनियम के तहत 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई थी।
बीजेपी के शुक्रगुजार
“
मैं लगातार बड़े पैमाने पर जनता की सेवा भावना और राष्ट्र के प्रति पूर्ण समर्पण महसूस कर रहा था। मेरा मानना है कि राजनीति के जरिए जनता की सेवा की जा सकती है।
-राजेश्वर सिंह, पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर, ईडी
“
मैं इस बात से गहराई से संतुष्ट हूं कि बेईमान भ्रष्ट नेताओं से विभिन्न धमकियों और दबाव की रणनीति के बावजूद, बिना झुके अपना काम करने के मेरे साहस को सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार सराहा।
- राजेश्वर सिंह, पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर, ईडी
प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह, जिनके सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के अनुरोध को केंद्र ने स्वीकार कर लिया है, के जल्द ही बीजेपी में शामिल होने की उम्मीद है।
कार्ति का हमला
इस बीच, कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने सिंह का नाम लिए बिना ट्विटर पर सीधा हमला किया। चिदंबरम ने ट्वीट किया, "ईडी से बीजेपी में शामिल होने के लिए वीआरएस लेना, पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी से मूल कंपनी में जाने जैसा है।"
Taking “VRS” from the @dir_ed to join the @BJP4India, is like moving from the wholly owned subsidiary to the parent company. @LangaMahesh @rohini_sgh
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) January 31, 2022
कार्ति के अलावा तमाम अन्य लोग भी बीजेपी टिकट को राजेश्वर सिंह के लिए इनाम बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने लिखा है कि महत्वपूर्ण पदों पर रहने वाले अधिकारी कैसे किसी पार्टी के इशारे पर काम करते हैं और फिर मलाई भी खाते हैं। कुछ यूजर्स ने लिखा है कि राजेश्वर सिंह के नेतृत्व में ईडी ने सारी कार्रवाइयां विपक्षी नेताओं पर की हैं। उसी से उनके बीजेपी में जाने की कहानी का पता चल जाता है। कुछ लोगों ने लिखा है कि सारी पटकथा बहुत पहले ही बीजेपी ने लिख दी थी। अब पुरस्कृत किया जा रहा है।
अपनी राय बतायें