“नज़र नज़र से मिलाकर कलाम कर बैठा, ‘ग़ुलाम’ ‘शाह’ की नींदें हराम कर बैठा।” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद की महासचिव पद से छुट्टी होनी तय थी। देर-सबेर उन्हें हटना ही था। उन्हें इस तरह हटाया जाएगा, ऐसे समय हटाया जाएगा, ये शायद किसी ने सोचा नहीं था। क्या वाक़ई ग़ुलाम नबी आज़ाद के तेवरों से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की नींद हराम हो गई थी?
गांधी परिवार के सामने आवाज़ उठाने की सजा मिली ग़ुलाम नबी आज़ाद को?
- राजनीति
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- 12 Sep, 2020

सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले 23 कांग्रेसी नेताओं में आज़ाद अकेले ऐसे नेता थे जिन्होंने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद मीडिया में खुलकर अपनी बात रखी।
क्या इसीलिए महासचिव पद से उनकी विदाई इस तरह कर दी गई कि लोगों को साफ़ लगे कि उन्हें सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने और राहुल गांधी को चुनौती देने की सज़ा दी गई है। उन्हें इस ग़ुस्ताख़ी के लिए सबक़ सिखाया गया है।