ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस के लगातार 'झटकों' के बाद भी लगता है कि कांग्रेस को इससे कोई दिक्कत नहीं है। ममता बनर्जी ने एक दिन पहले ही सोनिया गांधी के लिए तीखी टिप्पणी की थी। मेघालय में कांग्रेस के 17 विधायकों में से 12 को तृणमूल ने तोड़ कर अपने में मिला लिया है। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को तृणमूल अपने दल में शामिल कर चुकी है। लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस का बयान आया है कि वह बीजेपी के ख़िलाफ़ तृणमूल कांग्रेस के साथ काम करने के लिए तैयार है। उसने कहा है कि वह विपक्षी एकता चाहती है।
ममता के 'झटकों' के बाद भी कांग्रेस क्यों बोली- टीएमसी के साथ काम करेंगे?
- राजनीति
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- 25 Nov, 2021
तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी के कारण हो रहे राजनीतिक नुक़सान के बावजूद कांग्रेस विपक्षी एकता की ज़रूरत क्यों बता रही है?

दरअसल, आने वाले संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'सोनिया गांधी के नेतृत्व में हमने आगामी संसद सत्र पर चर्चा की। हमें संसद में बहुत सारे मुद्दे उठाने हैं। 29 तारीख़ को हम एमएसपी और किसानों का मुद्दा उठाएंगे।'