सनातन धर्म को लेकर दिए गए उदयनिधि स्टालिन के बयान पर बीजेपी के हमले के बाद अब कांग्रेस की ओर से इस पर प्रतिक्रिया आई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि सभी धर्मों का सम्मान करने की ज़रूरत है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक राजनीतिक संगठन को अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता है और कांग्रेस हर किसी की आस्था का सम्मान करती है। इस बयान के साथ कांग्रेस ने साफ़ कर दिया है कि उदयनिधि स्टालिन का बयान उनके संगठन का निजी मामला है और इससे कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ़ कर दिया कि कांग्रेस सभी धर्मों का सम्मान करती है। तो सवाल है कि इस बयान के मायने क्या हैं? क्या कांग्रेस डीएमके नेता के बयान के पचड़े में नहीं पड़ना चाहती?
कम से कम केसी वेणुगोपाल के बयान से तो यही लगता है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार वेणुगोपाल ने कहा है, 'हमारा विचार स्पष्ट है... सर्व धर्म समभाव कांग्रेस की विचारधारा है।' इधर पार्टी के नेता कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा, 'ये स्टालिन के निजी विचार हो सकते हैं... मैं उनसे सहमत नहीं हूं।'
कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता गौरव गोगोई ने कहा, "कांग्रेस संविधान में विश्वास करती है... भगवान की नजर में हम बराबर हैं। मेरा सवाल यह है कि भाजपा को 'धर्म' का प्रमाणपत्र बांटने का अधिकार किसने दिया। जब भाजपा से जुड़े दलों के नेता प्रभु श्री राम का अपमान करते हैं तो भाजपा कभी कुछ नहीं कहती।"
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता वह 'बीमारी जैसा है।' उन्होंने कहा, 'कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या आपको मानव होने की गरिमा सुनिश्चित नहीं करता है, वह मेरे अनुसार धर्म नहीं है। कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता... वह बीमारी जैसा है।'
बता दें कि बीजेपी ने 'सनातन धर्म को ख़त्म करने' वाली टिप्पणी के लिए स्टालिन पर हमला किया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया है कि 'इंडिया' गठबंधन हिंदू धर्म को ख़त्म कर सत्ता हथियाना चाहता है। उन्होंने रविवार को राजस्थान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "I.N.D.I.A गठबंधन के दो प्रमुख दल कांग्रेस और डीएमके कह रहे हैं कि सनातन धर्म को समाप्त कर देना चाहिए। तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति करने के लिए इन लोगों ने 'सनातन धर्म' का अपमान किया है।"
शाह ने कहा था, 'आज यूपीए सरकार और कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि अगर मोदी जीतते हैं, तो सनातन धर्म का शासन प्रबल होगा। सनातन धर्म लोगों के दिल में है, कोई भी इसे हटा नहीं सकता है।'
अमित शाह का यह बयान तब आया है जब बीजेपी ने डीएमके नेता पर शनिवार को चेन्नई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि उन्होंने 'डेंगू, मलेरिया और कोविड -19' जैसी बीमारियों के साथ सनातन धर्म के उन्मूलन, हिंदू धर्म की शिक्षाओं के उन्मूलन का आह्वान किया।
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