कांग्रेस में नेतृत्व का संकट कब हल होगा, ये सवाल ऐसा था जिसे पार्टी आलाकमान लंबे समय तक टाल नहीं सकता था। पिछले काफी समय से पार्टी के वरिष्ठ नेता मुखर होकर यह सवाल उठा रहे थे लेकिन सवाल का कोई हल मिलता नहीं दिख रहा था। घमासान बढ़ा और हालात यहां तक पहुंचे कि अचानक यह ख़बर आई कि इस मसले को सुलझाने के लिए पार्टी के अंदर फ़ैसले लेने वाली सुप्रीम संस्था कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक तुरंत बुलाई जाए।
नेतृत्व संकट: कांग्रेस संभले वरना सब कुछ लुटाकर होश में आए तो क्या आए!
- राजनीति
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- 24 Aug, 2020
कांग्रेस में नेतृत्व का संकट कब हल होगा, ये सवाल ऐसा था जिसे पार्टी आलाकमान लंबे समय तक टाल नहीं सकता था।

बैठक के बाद पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष की कुर्सी संभाल रहीं सोनिया गांधी के इस्तीफ़ा देने की ख़बर आई। शायद सोनिया गांधी इस बात से आहत हुईं कि पार्टी के 20 से ज़्यादा वरिष्ठ नेताओं ने एक पत्र लिखकर कहा कि पार्टी को एक पूर्णकालिक, ‘प्रभावी’ और ‘सक्रिय’ नेतृत्व चाहिए।
साथ ही इसमें पार्टी नेतृत्व को आत्ममंथन करने की सलाह भी दी गई है। इस पत्र में गु़ुलाम नबी आज़ाद से लेकर कपिल सिब्बल, शशि थरूर और आनंद शर्मा जैसे वरिष्ठ नेताओं के हस्ताक्षर हैं।