भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद भी पार्टी तीन राज्यों के सीएम के नामों की घोषणा कर सकी और न ही यह बता सकी कि तीन राज्यों में विधायक दल की बैठक कब होगी और नेता कब चुनाव जाएगा। राजस्थान का मामला भाजपा के गले की फांस बन गया है। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद अचानक ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का नाम उभरा और राजस्थान से भाजपा सांसद योगी बालकनाथ ने इस्तीफे की घोषणा कर दी यानी वो भी अब एक तरह से दावेदार हो गए हैं।
राजस्थान के मामले में अश्विनी वैष्णव का नाम उभरना हैरान करने वाला है। क्योंकि वो दूर दूर तक दौड़ में शामिल नहीं थे। लेकिन सूत्रों के अनुसार राजस्थान में रस्साकशी बढ़ने का यही हाल तलाशा गया है। बुधवार से दिल्ली आई हुई राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे दिल्ली में मौजूद हैं और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से संवाद का इंतजार कर रही हैं।
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राजस्थान से आ रही खबरों में कहा गया है कि वसुंधरा समर्थक कुछ विधायकों को होटल में भी ठहराया गया है। यह बात नवनिर्वाचित भाजपा विधायक ललित मीणा के बयान से सामने आई है। ललित मीणा ने कहा है कि वो किसी भी गुटबाजी में नहीं पड़ना चाहते हैं। उन्हें सीकर के होटल में कुछ भाजपा विधायकों ने बुलाया था। लेकिन ललित मीणा ने हालात को देखते हुए, वहां आने से मना कर दिया। खबरों में कहा गया है कि वसुंधरा के पास कम से कम 30 विधायक हैं। रविवार को नतीजा आने के बाद 17 विधायक तो उनके आवास पर ही पहुंच गए थे और एक तरह से वसुंधरा ने उनकी परेड करा दी थी।
भाजपा आलाकमान इस तरह की स्थिति की कल्पना नहीं कर रहा था। हालांकि खुद वसुंधरा राजे ने बयान दिया था कि आलाकमान जैसा कहेगा, वैसा वो करेंगी। लेकिन उनकी अप्रत्यक्ष गतिविधियों ने भाजपा की मुसीबत बढ़ा दी है। इस समाचार के लिखे जाने तक राजस्थान भाजपा विधायक दल की बैठक का दिन और समय तय नहीं हो सका था। भाजपा के राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह यहां तक तैयारी कर चुके हैं कि हरी झंडी मिलते ही राजस्थान के विधायकों की बैठक बुलाकर नाम की घोषणा कर दी जाएगी।
राजस्थान के जिन सांसदों ने बुधवार को इस्तीफा देकर विधायक बने रहने का फैसला किया था, उनमें योगी बालकनाथ नहीं थे। इसी आधार पर उनका नाम भी सीएम रेस में माना जा रहा था। लेकिन जब उन्होंने बुधवार को इस्तीफा नहीं दिया तो उन्हें दौड़ से बाहर मान लिया गया था। लेकिन गुरुवार को इस्तीफा देकर अटकलों को फिर हवा दे दी है। इस तरह राजस्थान में सीएम पद के लिए भाजपा के अब कई दावेदार हो चुके हैं।
उधर, आसान दिखने वाले छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश को लेकर भी कोई नाम सामने नहीं आया है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने बिना किसी गतिविधि के ही आलाकमान को पसीने ला दिए हैं। वसुंधरा की तरह शिवराज न तो दिल्ली आए और न ही इच्छा जताई कि वो सीएम पद के दावेदार हैं।
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भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक गुरुवार को कुल मिलाकर औपचारिक ही रही। जिसमें पीएम मोदी का जमकर गुणगान हुआ। भाजपा की परंपरा के अनुसार मोदी पर फूलों की बारिश की गई। मोदी ने अपने संबोधन में तीन राज्यों में जीत का श्रेय टीम वर्क को दिया। साथ ही कांग्रेस पर तंज भी कसे। उन्होंने मिजोरम और तेलंगाना में पार्टी का वोट शेयर बढ़ने पर खुशी जताई। इस बैठक के बाद प्रह्लाद पटेल ने मीडिया को जो जानकारी दी, वो कांग्रेस पर मोदी के हमले तक सीमित रही। उन्होंने तीन राज्यों के सीएम के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं की।
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