गोवा में बुधवार को मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को तब जोरदार झटका लगा जब उसके 11 में से आठ विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। इन विधायकों में पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत और नेता प्रतिपक्ष माइकल लोबो भी शामिल हैं। कांग्रेस में हुई इस बड़ी टूट के बाद एक बार फिर ऑपरेशन लोटस का जिक्र ताजा हुआ है। वैसे, ऑपरेशन लोटस का मुद्दा बीते दिनों दिल्ली में जोर-शोर से उछला है जब आम आदमी पार्टी ने इसे मुद्दा बनाया और कहा कि बीजेपी उसके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है।
आम आदमी पार्टी ने अपने चार विधायकों को प्रेस कांफ्रेंस में भी मीडिया के सामने पेश किया था। जिन्होंने कहा था कि उनसे बीजेपी के नेताओं ने संपर्क किया था और पार्टी में शामिल होने का न्यौता दिया था। इसके एवज में 20 से 25 करोड़ रुपए देने की बात विधायकों ने कही थी।
कर्नाटक, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्य इसके उदाहरण हैं। हालांकि बीजेपी ऑपरेशन लोटस को लेकर लगाए गए सभी आरोपों से इनकार करती है।
यहां इस बात को जानना जरूरी होगा कि ऑपरेशन लोटस प्रमुख रूप से कब-कब और किन राज्यों में चला।
मार्च 2016, उत्तराखंड
साल 2016 में उत्तराखंड में कांग्रेस की तत्कालीन हरीश रावत सरकार के खिलाफ पार्टी के विधायकों ने बड़ी बगावत की थी। तब कांग्रेस के 36 में से 9 विधायकों ने बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस की सरकार बच गई थी लेकिन 2017 के चुनाव में उसकी सत्ता से विदाई हो गयी थी।
अक्टूबर 2016, अरुणाचल प्रदेश
साल 2016 में 60 सदस्यों वाली अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा में बीजेपी के पास सिर्फ 11 विधायक थे। लेकिन उसने पीपल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में जबरदस्त सेंधमारी की थी और उसके 44 में से 33 विधायकों को तोड़ लिया था। यह सभी विधायक बीजेपी के साथ आ गए थे और बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बना ली थी।
जुलाई 2019, कर्नाटक
कर्नाटक में जुलाई 2019 में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार अपने विधायकों की बगावत के चलते गिर गई थी। यह गठबंधन सरकार सिर्फ 14 महीने चल सकी थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में कर्नाटक में बीजेपी सबसे बड़ा दल होने के बावजूद सरकार नहीं बना सकी थी और उसके बाद से ही इस बात की आशंका थी कि वह ऑपरेशन लोटस के जरिए राज्य में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार को गिरा सकती है।
मार्च 2020, मध्य प्रदेश
साल 2018 में मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हुए। इसमें बीजेपी के 109 विधायक जीत कर आए जबकि कांग्रेस को 114 सीटें मिली थी। कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। लेकिन एक साल कुछ महीने बाद ही पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस के लगभग 22 विधायकों ने विद्रोह कर दिया और वे बीजेपी में शामिल हो गए। इस वजह से मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिर गई और बीजेपी ने सरकार बना ली।
गोवा में इससे पहले साल 2019 में कांग्रेस के 15 में से 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे। तब भी कांग्रेस ने ऑपरेशन लोटस के जरिए उसके विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाया था।
जुलाई 2020, राजस्थान
इसके अलावा राजस्थान में जुलाई, 2020 में ऑपरेशन लोटस को लेकर जबरदस्त चर्चा हुई थी जब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस के 19 विधायक राजस्थान छोड़कर हरियाणा के मानेसर में एक रिजॉर्ट में चले गए थे। तब कांग्रेस आलाकमान को जबरदस्त दखल देने के बाद सचिन पायलट को मनाना पड़ा था और विधायक वापस राजस्थान लौटे थे। उस वक्त कांग्रेस ने खुलकर आरोप लगाया था कि बीजेपी ऑपरेशन लोटस के जरिए राजस्थान की सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है।
जून 2022, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में जब साल नवंबर 2019 में महा विकास आघाडी सरकार बनी तभी से कई बार महा विकास आघाडी सरकार के दलों ने ऑपरेशन लोटस के जरिए उसकी सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप बीजेपी पर लगाया था। जून, 2022 में यह ऑपरेशन लोटस सच होता हुआ दिखाई दिया जब शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कई विधायक पहले बीजेपी शासित राज्य गुजरात और उसके बाद असम पहुंचे।
शिवसेना के 40 विधायकों की बगावत के बाद महा विकास आघाडी सरकार गिर गई और शिवसेना ने राज्य में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने। हालांकि यह सरकार कितनी चलेगी अभी नहीं कहा जा सकता क्योंकि चुनाव आयोग में सरकार के गठन से जुड़े कई मामलों को लेकर सुनवाई चल रही है।
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