दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी जब अपना 41वां स्थापना दिवस मना रही है, उस वक्त उसका सपना कोलकाता की राइटर्स बिल्डिंग में अपने मुख्यमंत्री को देखने का है। इसी कोलकाता में 70 साल पहले मार्च, 1951 में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की पश्चिम बंगाल इकाई की शुरुआत की थी, जिससे बनी पार्टी के नेताओं को इन चुनावों में मुख्यमंत्री ममता दी ‘बाहरी’ कह कर ‘बाहर’ करने की बात कर रही हैं।
मोदी के नेतृत्व में बंगाल का क़िला फतेह कर पाएगी बीजेपी?
- राजनीति
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- 6 Apr, 2021

बीजेपी के इस मंजिल तक पहुंचने के पीछे मोदी का नेतृत्व तो है ही लेकिन संगठन में एकजुट होकर काम करने की उसकी ताकत का मुकाबला नहीं किया जा सकता। राजनीतिक विशेषज्ञों का यह दावा भी किसी हद तक सही है कि मोदी और अमित शाह जैसे 24 घंटे काम करने वाले नेता किसी दूसरी पार्टी में नहीं हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक और पहले सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने कॉलेज के दौरान अपनी शुरुआत क्रांतिकारी संगठन अनुशीलन समिति के साथ कोलकाता में ही की थी, लेकिन बीजेपी को इतने अरसे के बाद भी पश्चिम बंगाल में अपनी जड़ें जमाने का मौका नहीं मिल पाया है, क्या इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह मुमकिन हो पाएगा?