बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर ग़ुस्से में हैं। पटना में इस समय जो राजनीतिक लामबंदी चल रही है उससे साफ़ संकेत मिल रहा है कि नीतीश एक बार फिर बी जे पी के साथ जा सकते हैं। कहा ये जा रहा है कि इंडिया गठबंधन का संयोजक नहीं बनाए जाने से नीतीश आहत हैं। इस बार नीतीश ने ही बी जे पी के ख़िलाफ़ गठबंधन बनाने की पहल की थी। उन्हें पहला धक्का तब लगा जब उनकी उपेक्षा करके कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गठबंधन का अध्यक्ष (चेयर पर्सन) बना दिया गया।उन्हें संयोजक बनाने की बारी आयी तो बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सामने आ गए।

बिहार में बार-बार पलटी मारने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई जवाब नहीं। 2022 में वो जिससे नाखुश थे, 2024 में उनसे वो खुश हैं। लेकिन उनकी खुशी-नाखुशी का पैमाना बदलता रहता है। वरिष्ठ पत्रकार शैलेश की बिहार की राजनीति पर बहुत नजदीक से नजर रहती है। वो नीतीश के गुस्से को समझाने की कोशिश कर रहे हैं।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक