चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर के संगठन जन सुराज की एक चुनावी सफलता ने राज्य की राजनीति में खलबली मचा दी है। जन सुराज संगठन के समर्थन से एक शिक्षक नेता अफ़ाफ अहमद ने विधान परिषद की एक सीट जीत ली है। आरजेडी और बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले सारण ज़िला में इस जीत को बिहार में नयी राजनीति की आहट माना जा रहा है। ख़ासकर इसलिए कि इस सीट पर पिछले 35 सालों से सीपीआई का क़ब्ज़ा था। सीपीआई के नेता केदार पांडे के निधन से खाली इस सीट से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने पांडे के बेटे आनंद पुष्कर को टिकट दिया था। सीपीआई भी महागठबंधन का हिस्सा है।

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के समर्थन से विधान परिषद की एक सीट जीतने पर बिहार की राजनीति में तूफान आ गया है। लोग तरह-तरह के नजरिए से इसे देख रहे हैं लेकिन वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक शैलेश बता रहे हैं कि प्रशांत किशोर की राजनीति को इससे क्या फायदा होगा।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक