उदयपुर में चल रहे चिंतन शिविर में कांग्रेस पार्टी संगठन के अंदर बड़े बदलाव को अंजाम देने की तैयारियों में जुटी हुई है। चिंतन शिविर में राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर की कांग्रेस कमेटियों के 400 से ज्यादा नेता हिस्सा ले रहे हैं और इस दौरान तमाम मुद्दों पर उन्होंने अपनी राय सामने रखी है।
चिंतन शिविर के दौरान यह मांग उठी है कि किसी भी नेता के लिए राज्यसभा जाने की सीमा तय की जानी चाहिए।
इंडिया टुडे के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी के एक सदस्य ने कहा कि ऐसा प्रस्ताव आया है कि किसी भी कांग्रेस नेता को सिर्फ दो बार ही राज्यसभा भेजा जाए हालांकि इसके बाद वह लोकसभा और विधानसभा के चुनाव लड़ सकता है। लेकिन उसे तीसरी बार राज्यसभा में नहीं भेजा जाना चाहिए।
एक सुझाव यह भी आया है कि पार्टी के सभी पदाधिकारियों का ब्लॉक से लेकर जिला और एआईसीसी तक कार्यकाल 5 साल का ही होना चाहिए। एक बार उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद पार्टी पदाधिकारी को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और इसे दूसरे नेताओं के लिए छोड़ देना चाहिए।
प्रस्ताव में ऐसा कहा गया है कि ऐसे नेताओं को संगठन में कोई दूसरी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
कांग्रेस के एक पैनल ने यह सुझाव भी रखा है कि स्थानीय निकाय के चुनाव के दौरान कांग्रेस के फ्रंटल संगठनों को भी भरोसे में लिया जाना चाहिए। एक प्रस्ताव यह भी है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटियों का अपना अलग संविधान होना चाहिए लेकिन इसे सीडब्ल्यूसी यानी कांग्रेस कार्यसमिति से स्वीकृति मिलना जरूरी किया जाना चाहिए।
अब लौटाने का वक्त
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उदयपुर के चिंतन शिविर की शुरुआत करते हुए कहा था कि संगठन में बदलाव वक्त की मांग है और हमें अपने कामकाज के तरीके में भी बदलाव करना होगा। उन्होंने कहा था कि हमें संगठन को अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं से ऊपर रखना होगा, पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है और अब इसे लौटाने का वक्त आ गया है।
युवाओं को तरजीह
माना जा रहा है कि चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। कांग्रेस संगठन में ऐसे नेताओं को जो 50 साल की उम्र से नीचे हैं उन्हें पार्टी संगठन में सभी स्तरों पर 50 फीसद आरक्षण दिया जाएगा और इसे कांग्रेस कार्य समिति यानी सीडब्ल्यूसी के लिए भी लागू किया जाएगा।
‘एक परिवार एक टिकट’ का नियम
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन ने कहा है कि पार्टी के अंदर इस बात पर सहमति बन चुकी है कि ‘एक परिवार एक टिकट’ का नियम लागू किया जाएगा। हालांकि इसमें शर्त यह है कि अगर किसी परिवार में किसी दूसरे शख्स को टिकट दिया जाता है तो वह कम से कम पार्टी के लिए 5 साल तक काम कर चुका हो।
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