पिछले कुछ समय से समाज की सामूहिक समझ को आकार देने में व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण बन गई है। कड़ी मेहनत से और तार्किक व वैज्ञानिक आधारों पर हमारे अतीत के बारे में खोज करने वाले इतिहासविदों का मखौल बनाया जा रहा है और वर्चस्वशाली राजनैतिक ताक़तें उनके लेखन को दरकिनार कर रही हैं। यह सचमुच चिंता का विषय है कि व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी द्वारा जिस सामाजिक सोच को आकार दिया जा रहा है, वह हिंदुत्व या हिन्दू राष्ट्रवाद के प्रतिगामी राजनैतिक एजेंडा को लागू करने वालों का औजार बन गई है।