‘लियो तोलस्तोय की किताब, सीडी क्या एक्टिविस्ट वेरनॉन गोंजाल्विस के ख़िलाफ़ ठोस सबूत हैं? पुलिस यह अदालत को समझाये।’ यह आदेश बॉम्बे हाई कोर्ट ने भीमा कोरेगांव प्रकरण की सुनवाई करते हुए दिए। मीडिया ने भीमा कोरेगांव को अर्बन नक्सल से जोड़कर ख़ूब प्रचारित किया था। बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने इस मामले में मीडिया की भूमिका पर खेद जताया है। उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध रूसी साहित्यकार लियो तोलस्तोय की दुनिया भर में चर्चित पुस्तक 'वॉर एंड पीस' के बजाय मीडिया ने बिस्वजीत रॉय की पुस्तक 'वॉर एंड पीस इन जंगल महल' का उल्लेख किया।