‘मैं जोशीमठ हूँ’। आदिगुरु शंकराचार्य जी की तपस्थली ज्योतिर्मठ। सीमांत जनपद चमोली का सरहदी ब्लाॉक। विश्व प्रसिद्ध हिम क्रीडा स्थल औली, आस्था का सर्वोच्च धाम श्री बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब और रंग बदलने वाली फूलों की घाटी का प्रवेश द्वार मैं ही हूँ।
मैं जोशीमठ हूँ! हो सके तो जमींदोज होने से बचा लीजिए…
- विचार
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- 9 Jan, 2023

उत्तराखंड में जोशीमठ में जमीन धँसने का संकट कितना गंभीर है? जानिए, जोशीमठ क्या है और इसका क्या महत्व है।
देश की द्वितीय रक्षा पंक्ति नीती माणा घाटी मेरे ही नगर से होकर जाया जाता है। हर साल देश विदेश से लाखों-लाख तीर्थयात्री और पर्यटक यहां पहुंचते हैं। मैं चिपको आंदोलन की नेत्री गौरा देवी की थाती हूं। पंच प्रयाग में से प्रथम प्रयाग मेरे ही मुहाने पर धौली गंगा और अलकनंदा का संगम विष्णुप्रयाग स्थित है।
एशिया का सबसे लम्बा रज्जू मार्ग (ropeway) मेरे ही नगर के ऊपर से गुजरता है। मैं भगवान बदरीविशाल जी का शीतकालीन गद्दी स्थल हूं। मेरे पौराणिक नृसिंह मंदिर में 6 महीने भगवान बदरीविशाल जी की पूजा होती है। मंदिर के प्रांगण में प्रतिवर्ष बद्रीविशाल के कपाट खुलने से पहले पौराणिक तिमुंडिया कौथिग का आयोजन होता है। मैं महज एक नगर ही नहीं हूं अपितु धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र भी हूं। मैं गढ़वाल के कत्यूरी राजवंश की राजधानी भी रहा हूं। मैं बरसों से सैलानियों की पहली पसंदीदा शहर रहा हूं।