दुनिया के नक़्शे पर ये अटकलें लगायी जा रही हैं कि भारत में कितने करोड़ लोग बेरोज़गार होंगे और कितने ग़रीब या फिर भारत के उद्योग-धंधे बैठ जायेंगे या 21 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के बाद वे सरपट भागने लगेंगे? ऐसे में, रिज़र्व बैंक ने उम्मीद लगाये बैठे लोगों को शुक्रवार को यह कह कर निराश कर दिया कि भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत न केवल पतली है बल्कि उसके जल्दी सुधरने के भी आसार नहीं हैं।