1994 में रिलीज़ हुई ब्लॉकबस्टर फ़िल्म क्रांतिवीर में नाना पाटेकर का एक डायलॉग बड़ा मशहूर हुआ था। पत्रकार का किरदार निभाने वाली डिंपल कपाड़िया की तरफ़ इशारा करते हुए नाना पाटेकर भीड़ को संबोधित करते हैं। “ये कलम वाली बाई क्रांति करने चली थी। क्रांति कैसे होगी? यहां सब बुज़दिल हैं, मुर्दे हैं।” भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले राहुल गांधी यूपी पहुंचकर नाना पाटेकर के क्रांतिवीर की भाषा में संवाद कर रहे हैं। बनारस से इलाहाबाद होते हुए सामन्तवाद के गढ़ प्रतापगढ़ पहुंचे राहुल गांधी दलित-ओबीसी मुद्दों पर जमकर बरसे। संभवतया पहली बार राहुल गांधी ने दलितों और पिछड़ों को अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए ललकारा।

राहुल गांधी यूपी पहुँचते ही आम्बेडकर और कांशीराम की भाषा क्यों बोलने लगे? यूपी आकर राहुल गांधी एंग्री यंग मैन क्यों बन गए? राहुल गांधी में ये बदलाव कैसे आया?
भारत जोड़ो यात्रा से लेकर न्याय यात्रा में बिहार-झारखंड तक राहुल गांधी भाजपा और आरएसएस की नफरत और हिंसा पर आधारित विभाजनकारी राजनीति को कठघरे में खड़ा करके दलित, आदिवासी और पिछड़ों के सवालों को संयमित भाषा में उठाते रहे हैं। एक राजनीतिक व्यक्तित्व से बढ़कर राहुल गांधी एक शिक्षक की तरह आंकड़ों के जरिए वंचित समुदायों को समझाते रहे कि नरेंद्र मोदी किस तरह दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के संसाधनों को छीनकर अपने पूँजीपति मित्रों की तिजोरियां भर रहे हैं। राहुल गांधी पूछते रहे कि देश की संपदा और संसाधनों में इन तबकों की हिस्सेदारी कितनी है? लेकिन जब राहुल गांधी यूपी पहुंचे तो उन्होंने दलित, ओबीसी और आदिवासियों को ललकारते हुए कहा - “तुम सोये हुए हो। तुममें दम नहीं है।”
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।