सन 1964 में जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु पर न्यूयॉर्क टाइम्स ने ख़बर का शीर्षक दिया था- ‘नेहरू- द मेकर ऑफ़ मॉडर्न इंडिया’ यानी नेहरू- आधुनिक भारत के निर्माता। ‘द इकॉनमिस्ट’ ने आवरण कथा का शीर्षक दिया था ‘वर्ल्ड विदाउट नेहरू- यानी नेहरू के बिना दुनिया’। ध्यान दें, दुनिया, सिर्फ़ भारत नहीं है। इसने आगे जोड़ा कि दुनिया का मंच उनके बिना ग़रीब हो जाएगा। तो एक बात तो साफ़ है कि नेहरू के बारे में दुनिया की राय नहीं बदली है। 1964 से लेकर 2019 तक। भारतीयों के एक बड़े हिस्से की भी नहीं। संघ का दुष्प्रचार तंत्र चाहे जो भी कह ले।