दो दशकों तक चली टालमटोल, गहन विचार-विमर्श, सलाह-मशविरा, गोष्ठियों में इसकी ज़रूरत पर चर्चा के बाद सरकार ने भारत की तीनों सेनाओं के मुखिया यानी चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ (सीडीएस) का पद बनाने का औपचारिक एलान कर दिया है। भारत की सेनाओं के तेजी से आधुनिकीकरण, सैन्य मामलों में क्रांति (रिवॉल्यूशन इन मिलिट्री अफ़ेयर्स) और दुनिया और भारत के आसपास के बदले हुए सामरिक माहौल के मद्देनजर तीनों सेनाओं के प्रभावी और सक्षम प्रबंधन के लिए एक ऐसा मुखिया होने की ज़रूरत पिछले कुछ दशकों से महूसस की जा रही थी, जो तीनों सेनाओं में तालमेल स्थापित करने में सक्षम हो और उन्हें एकजुट फ़ैसले लेने में मदद करे। 1999 में हुए करगिल युद्ध के दौरान इसकी भारी कमी महसूस की गई जब वायुसेना और थलसेना ने अपने स्तर पर कार्रवाई की।