टेक्सस इंडिया फ़ाउंडेशन यानी टीआईएफ़ एक नॉन-प्रॉफ़िट संगठन है जिसका काम भारत और अमेरिका के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों और आर्थिक प्रगति पर आधारित पारस्परिक सम्मान के साथ आपसी सहयोग को बढ़ाना है। इस संगठन ने अभी ह्यूस्टन में एक ‘हाउडी मोदी’ नाम का एक बड़ा आयोजन किया। इसे आयोजित करने में 1000 स्वयंसेवकों और टेक्सस स्थित 650 साझेदार संगठनों की अहम भूमिका रही। मूलतः ये साझेदार संगठन वे हैं जिनके विज्ञापन इस कार्यक्रम में लगाए गए थे। मुख्य रूप से इसके तीन प्रायोजक थे; वॉल्मार्ट, ओप्पो और तेल्लरीयन। सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी भी बात चल रही है कि हाल के दिनों में इन तीन कम्पनियों को भारत सरकार के फ़ैसले से काफ़ी लाभ हुआ है। हमें अभी इस विवाद में नहीं जाना है। व्यापार का यह सीधा नियम है कि कम्पनियाँ वहीं पैसे लगाती हैं, जहाँ से उन्हें लाभ की उम्मीद होती है। इससे कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
हाउडी मोदी: ह्यूस्टन ताली बजा रहा, मीडिया गीत गा रहा; और क्या चाहिए!
- विचार
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- 29 Mar, 2025

ह्यूस्टन के कार्यक्रम में अनुच्छेद 370 के हटाने की बात पर लोगों ने खड़े होकर तालियाँ बजायीं जहाँ राष्ट्रपति ट्रंप ख़ुद मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी नेता से बढ़कर एक रात स्टार, एक हीरो नज़र आते हैं जिसमें भारत के बहुत लोगों को अपना वह खिलाड़ी नज़र आता है! और हम भारतीय ताली बजाने में कब पीछे रहते हैं!
प्रधानमंत्री मोदी के पिछले कार्यकाल में इस तरह के आयोजन कनाडा, ऑस्ट्रेलिया एवं ब्रिटेन में भी हो चुके थे। इस बार कार्यक्रम का स्तर बहुत बड़ा था और इसलिए भी कि उसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी भाग लिया। कई अमेरिकी सीनेटर, सांसद, गवर्नर और मेयर भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में दोनों ने हाथ पकड़ कर पूरे सभा स्थल में ‘विक्ट्री लैप’ जैसा कुछ किया। इसका रसास्वादन भारतीय मीडिया पुराने ओनिडा टीवी के विज्ञापन ‘ऑनर्स प्राइड- नेबर्स एन्वी’ के अंदाज़ में लेते नज़र आया। हमें यह सोच कर ज़्यादा ख़ुशी हो रही थी कि पाकिस्तान यह सब देख कर कितना दुःखी हो रहा होगा। हर भारतीय की छाती फुल कर 56 इंच से कहीं ज़्यादा हो चुकी थी। राष्ट्रपति ट्रम्प की मानें तो हमें एक नया ‘राष्ट्रपिता’ मिला। सम्पूर्ण आर्यावर्त ख़ुशी से झूम उठा।