डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने कार्यकाल के अंतिम साल में भारत का दौरा करने का फ़ैसला सामरिक या आर्थिक रिश्तों के नज़रिये से अहम माना जा रहा है लेकिन ट्रंप केवल इन्हें प्रगाढ़ बनाने के इरादे से ही भारत आ रहे हैं, यह कहना सटीक नहीं होगा। डोनाल्ड ट्रंप की नज़र सामरिक रिश्तों पर कम, भारत से आर्थिक लाभ उठाने के नज़रिये से अधिक और इनसे भी अधिक अहम अमेरिका में भारतीय मूल के वोट बैंक पर है। ट्रंप की नज़र इस दौरे से अपनी व्यक्तिगत राजनीतिक छवि को घरेलू स्तर पर चमकाने पर टिकी होगी। अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों में गुजराती समुदाय के बहुतायत में होने की वजह से उनकी नज़र अमेरिका में अगले राष्ट्रपति चुनाव में गुजराती मूल के साथ भारतीय समुदाय के अन्य अमेरिकी नागरिकों के वोट बैंक को रिझाने पर रहेगी।
ट्रंप अपनी छवि चमकाएँगे या सौदे करेंगे, फ़ायदे में कौन- भारत या अमेरिका?
- विचार
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- 21 Feb, 2020

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीन की चुनौतियों का मुक़ाबला करने के लिए वह भारत को सक्षम बनाना चाहता है और इसके लिए अति उच्च तकनीक वाली अमेरिकी शस्त्र प्रणालियों की सप्लाई भारत को करना चाहता है, हालाँकि इसका छुपा इरादा अमेरिकी हथियार कम्पनियों का धंधा चमकाना और अमेरिकी लोगों को अधिक से अधिक रोज़गार दिलाना भी कहा जा सकता है।
‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ का नारा अमेरिकी शहर ह्यूस्टन में जब पिछले सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था तब से ही पिछले महीने महाभियोग के फंदे से बिना आहत हुए बच निकलने वाले डोनाल्ड ट्रंप की नज़र भारत दौरे पर टिकी है। वास्तव में भारत दौरा उनके राजनीतिक भविष्य के लिए काफ़ी अहम साबित होगा। अमेरिका में भारतीय मूल के क़रीब 40 लाख लोग अपने धन-मत-बल से अमेरिकी राजनीति पर अच्छा प्रभाव डालते हैं जिन्हें अपनी ओर खींचने की कोशिश अमेरिकी राजनीतिज्ञों की रहती है।