केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों, दिहाड़ी मज़दूरों और शहरी तथा ग्रामीण इलाक़ों में रहने वाले ग़रीबों के लिए एक लाख सत्तर हज़ार करोड़ के पैकेज की घोषणा की है। ग़रीब कल्याण योजना के तहत अस्सी करोड़ लोगों को तीन महीने तक हर महीने पाँच किलो चावल या गेहूँ मुफ्त दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें एक किलो दाल भी दी जाएगी। सरकार ने वादा किया है कि किसी को भी भूख से मरने नहीं दिया जाएगा।
लॉकडाउन से 40 करोड़ मज़दूर होंगे प्रभावित, अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा बुरा असर
- विचार
- |
- |
- 27 Mar, 2020

केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों, दिहाड़ी मज़दूरों और शहरी तथा ग्रामीण इलाक़ों में रहने वाले ग़रीबों के लिए एक लाख सत्तर हज़ार करोड़ के पैकेज की घोषणा की है।
केंद्र सरकार की इस घोषणा का स्वागत किया जाना चाहिए। अगर इस तरह की घोषणा पहले ही कर दी जाती तो और भी अच्छा रहता। बिना किसी पूर्व तैयारी के किए गए लॉकडाउन यानी तालाबंदी ने लाखों लोगों को भुखमरी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया था और हर तरफ़ अनिश्चितता बनी हुई थी कि उनका क्या होगा। ये लोग रोज़ कमाकर खाने वाले लोग हैं न कि घर में तीन-चार महीनों का राशन भरकर सुकून से घरबंदी काटने वाले। हालाँकि कुछ राज्य सरकारों ने ज़रूर इंतज़ाम किए हैं, मगर असली मदद तो केंद्र के खज़ाने से ही संभव थी, इसलिए सब लोगों की निगाहें उसी पर लगी हुई थीं।