अब तक लगभग 3 हज़ार लोगों की जान ले चुका और 89 हजार से अधिक को अपनी चपेट में लेने वाला कोरोना वायरस का वाहक क्या चमगादड़ था या फिर इसका विकास वुहान शहर में चीन की प्रसिद्ध जैविक प्रयोगशाला में किया गया जो ग़लती से बाहर निकल गया? कोरोना वायरस के स्रोत को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। अमेरिका के प्रतिष्ठित दैनिक ‘वाशिंगटन पोस्ट’ में इस आशय की रिपोर्ट छपी कि कोरोना वायरस चीन के जैविक युद्ध कार्यक्रम का एक हिस्सा था जो ग़लती से प्रयोगशाला से बाहर निकल कर खुले वातावरण में चला गया। लेकिन अमेरिका की ही दूसरी प्रतिष्ठित पत्रिका फ़ॉरेन पॉलिसी ने इन अटकलों को बकवास बताया है। चीन ने भी किसी घातक जैव शोध कार्यक्रम से इनकार किया है।
भारत में कोरोना का डर, क्या चीन के जैविक युद्ध कार्यक्रम का हिस्सा था यह वायरस?
- विचार
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- 2 Mar, 2020

क्या कोरोना वायरस का विकास वुहान में चीन की प्रसिद्ध जैविक प्रयोगशाला में किया गया जो ग़लती से बाहर निकल गया?
जैविक हथियारों के विकास और भंडारण को प्रतिबंधित करने वाली अंतरराष्ट्रीय संधि के पालन को लेकर यदि कोई अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था होती तो चीन के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों की जांच हो सकती थी लेकिन चीन, अमेरिका, रूस सहित सभी बड़ी ताक़तें जैविक हथियार संधि के पालन की जांच-व्यवस्था स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं, इसलिये कई देश जैविक हथियारों के विकास और भंडारण में जुटे हैं। अब बड़ा डर यह पैदा हो गया है कि कहीं बड़ी ताक़तों की इस टालमटोल की नीति का लाभ ताक़तवर आतंकवादी संगठन नहीं उठा लें।