काँग्रेस पार्टी के नेता और सरपंच अजय पंडिता की निर्मम हत्या के बाद एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों के नाम पर की जाने वाली सियासत तेज़ हो गई है। ज़ाहिर है कि ये हिंदू बनाम मुसलमान की सियासत है, भारत बनाम पाकिस्तान की सियासत है और इसमें नफ़रत तथा हिंसा कूट-कूटकर भरी जा रही है। और ये भी तब है जबकि केंद्र और राज्य दोनों जगह ऐसी सरकार का नियंत्रण है, जो खुद को हिंदुओं का अकेला ठेकेदार मानती है।
कश्मीर: अजय पंडिता की हत्या के लिए केंद्र सरकार भी ज़िम्मेदार?
- विचार
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- 13 Jun, 2020

अजय पंडिता को लंबे समय से धमकियाँ मिल रही थीं इसलिए उन्होंने सुरक्षा की माँग की थी। लेकिन उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई, इसलिए उनकी हत्या के लिए सरकार भी ज़िम्मेदार है।
ज़ाहिर है कि गोदी मीडिया उसके सुर में सुर मिला रहा है। वह इंसाफ़ मांग रहा है मगर पता नहीं किससे। सरकार तो उसी की है। कायदे से उसे सवाल पूछना चाहिए कि सरकार कर क्या रही है, वह गाल ही बजाती रहेगी या कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ करेगी भी। लेकिन सवाल पूछने की उनकी आदत नहीं है और न ही हिम्मत है। वह तो सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने की फैक्ट्री है और यही काम वह कर रहा है।