कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सर्वोच्च न्यायालय से माफ़ी नहीं माँगी है, सिर्फ़ ख़ेद प्रकट किया है। ख़ेद काहे के लिए? इसलिए नहीं कि उन्होंने चौकीदार को चोर कहा है बल्कि इसलिए कि उन्होंने यह कह दिया था कि सर्वोच्च न्यायालय भी यही मानता है। सर्वोच्च न्यायालय ने सिर्फ़ रफ़ाल सौदे पर बहस को मंजूरी दी थी। राहुल ने अपने पक्ष में यह सफ़ाई दी कि वह चुनावी जल्दबाज़ी और जोश में वैसा बोल गए। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय अभी तक तो बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी की याचिका पर विचार कर रहा था लेकिन अब उसने राहुल को अदालत की अवमानना का औपचारिक नोटिस जारी कर दिया है।