लद्दाख में होने वाली घटनाओं के बारे में सभी तरह की बातें कही जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू में कहा कि भारतीय क्षेत्र में कोई घुसपैठ नहीं हुई है लेकिन बाद में गलवान घाटी के सम्बन्ध में निर्विवाद तथ्यों के सामने आने पर उन्होंने अपने बयान को बदल दिया। निसंदेह चीनी लद्दाख के गलवान घाटी, पैंगांग त्सो, हॉट स्प्रिंग्स आदि क्षेत्रों में घुस आये हैं और इनके अपना क्षेत्र होने का दावा कर रहे हैं।
चीन के इरादे ख़तरनाक, लद्दाख में पीछे नहीं हटेगा!
- विचार
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- 25 Jun, 2020

तिब्बत और लद्दाख जैसे पर्वतीय क्षेत्र साइबेरिया की तरह बंजर दिखाई देते हैं लेकिन वे बहुमूल्य खनिजों और अन्य प्राकृतिक संपदा से भरे हैं। चीन ने गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, हॉट स्प्रिंग्स और लद्दाख के अन्य हिस्सों पर कब्ज़ा कर लिया है। इन क्षेत्रों में मूल्यवान खनिज हैं जिनकी चीन के बढ़ते उद्योग को आवश्यकता है।
आख़िर सच क्या है?
चीन ने बड़े पैमाने पर अपने देश में औद्योगिक आधार बना लिया है। अपने विशाल 3.2 ट्रिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार के साथ बाजार और कच्चे माल की तलाश करते हुए वह लाभदायक निवेश के लिए नए रास्ते बना रहा है, जैसा कि साम्राज्यवादी देश करते हैं।
तिब्बत और लद्दाख जैसे पर्वतीय क्षेत्र साइबेरिया की तरह बंजर दिखाई देते हैं लेकिन वे बहुमूल्य खनिजों और अन्य प्राकृतिक संपदा से भरे हैं। सलामी रणनीति का उपयोग करके चीन ने गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, हॉट स्प्रिंग्स और लद्दाख के अन्य हिस्सों (1960 के दशक में अक्साई चिन पर पहले ही कब्ज़ा कर लिया था) पर कब्ज़ा कर लिया है। इन क्षेत्रों में मूल्यवान खनिज हैं जिनकी चीन के बढ़ते उद्योग को आवश्यकता है।