15 जून को गलवान घाटी में ख़ूनी झड़प के एक सप्ताह बाद 22 जून को चीनी और भारतीय सेना के कमांडरों के बीच बैठक में कई सहमतियाँ हुईं और इसके बाद इन पर मुहर लगाने के लिये 24 जून को दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के संयुक्त सचिव स्तर के आला अधिकारियों के बीच वीडियो पर लम्बी वार्ता हुई। इस बातचीत में चीन ने 15 जून की ख़ूनी गलवान झड़प के लिये भारतीय सेना को ज़िम्मेदार ठहराने वाले आरोप लगाए, लेकिन दोनों ने सहमति दिखाई कि गत छह जून को कमांडरों की पहली बैठक के चार दिनों बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बातचीत की भावना का दोनों सेनाएँ आदर करेंगी और छह जून की कमांडरों की बैठक में हुई सहमति को ज़मीन पर लागू करेंगी।
देपसांग, डोकलाम और अरुणाचल में नए सिरे से घुसपैठ कर रहा है चीन
- विचार
- |
- |
- 25 Jun, 2020

दोनों देशों की सेनाओं और राजनयिकों के बीच जो बातचीत चल रही है उसमें कई जगहों से सैनिकों के पीछे हटने पर सहमति का दावा किया गया है लेकिन पैंगोंग त्सो झील इलाक़े पर फिंगर-4 से फिंगर-8 तक के आठ किलोमीटर तक के इलाक़े से चीनी सैनिकों को पीछे कर लेने के बारे में दोनों देशों के अधिकारी मौन हैं।