कुछ समय से चल रही आशंकाओं और अनिश्चितताओं का संसद ने विधिवत निर्मूलन कर दिया है। संविधान के अनुच्छेद 370 में समूल परिवर्तन कर उसका प्रयोजन ही समाप्त कर दिया गया। वैसे राष्ट्रपति महोदय के आदेश 2019 के बाद अनुच्छेद 370 में कुछ बच नहीं गया था। पर सांकेतिक कारणों से उसका समापन भी आवश्यक था। जब वचन दिया था कि अनुच्छेद 370 ख़त्म करेंगे तो वचन का पालन भी होना चाहिए था और हो भी गया। पर इन दो दिनों में टीवी चैनलों और वेबसाइट पर एक अजीब सा वैचारिक द्वन्द्व दिखा। समझ नहीं आ रहा था कि इस कार्य की प्रशंसा करें या विरोध?
क्या अनुच्छेद 370 हटाने से सारी समस्याएँ ख़त्म हो जाएँगी?
- विचार
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- 8 Aug, 2019

इस देश का मीडिया अपने सर्वविदित स्थान पर बना रहता है और आप उस चैनल या वेबसाइट को खोलने के पहले ही अनुमान लगा सकते हैं कि वह क्या कहने वाला है। वे चैनल जिन्हें कुछ लोग प्यार से 'गोदी मीडिया' कहते हैं, उन्होंने अपना फ़र्ज़ बख़ूबी निभाया। वे लगे रहे।