कई अख़बारों में संपादक रहने के बाद विदेश राज्यमंत्री बने एम.जे. अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं जिसके कारण उन्हें मंत्रिपद से इस्तीफ़ा देना ही पड़ा। लेकिन यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद इस्तीफ़ा देने वाले वे अकेले व्यक्ति नहीं हैं। और भी कई लोग हैं जिनपर ऐसे आरोप लगे हैं और उनको अपने पद या ज़िम्मेदारी से हाथ धोना पड़ा है।
कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फ़िरोज़ ख़ान के ख़िलाफ़ छत्तीसगढ़ की एक महिला कार्यकर्ता ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पार्टी ने मामले की जाँच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। #MeToo कैंपेन के ज़ोर पकड़ते ही कांग्रेस ने तुरंत ऐक्शन लेते हुए फ़िरोज़ को उनके पद से हटा दिया।
यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते संगीतकार अनु मलिक की भी छुट्टी हो गई है। अनु मलिक पर अब तक चार महिलाएँ यौन शोषण का आरोप लगा चुकी हैं। इस पर सोनी चैनल ने कड़ा ऐक्शन लिया। चैनल ने कहा है कि अनु अब 'इंडियन आइडल' के शो में जज के पैनल का हिस्सा नहीं हैं। शो जैसे चलता रहा है, उसी तरह चलता रहेगा। हम जल्द ही भारतीय संगीत के किसी बड़े नाम को गेस्ट के तौर पर पर विशाल और नेहा के साथ जोड़ेंगे।'
यौन उत्पीड़न का आरोप लगने पर फ़िल्म निर्देशक मुकेश छाबड़ा को प्रॉडक्शन कंपनी फॉक्स स्टार हिंदी ने प्रोजेक्ट से बाहर निकाल दिया है। कंपनी ने कहा है कि हम यौन उत्पीड़न के आरोपों पर गंभीर हैं और हमने अपनी फ़िल्म 'किज्जी और मैनी' के निर्देशक मुकेश छाबड़ा को फ़िल्म से फ़िलहाल निकाल दिया है।
यौन शोषण के आरोप में घिरे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी को छुट्टियों पर जाना पड़ा। एक महिला ने ट्विटर पर किसी अन्य महिला के लिखे पत्र के स्क्रीनशॉट्स साझा किए थे जिनमें जौहरी पर उस महिला लेखक ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे।
#MeToo कैंपेन के तहत मिली शिकायतों पर कुछ मीडिया संस्थानों ने तुरंत ऐक्शन लिया है। अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स ने अपने पॉलिटिकल एडिटर प्रशांत झा को तत्काल उनके पद से हटा दिया। अमेरिका स्थित वॉशिंगटन डीसी में सेंटर फ़ॉर अमेरिकन प्रोग्रेस में वरिष्ठ अधिकारी गौतम अधिकारी को भी अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा है। गौतम अधिकारी अंग्रेजी अख़बार डीएनए के संपादक थे।
अंग्रेजी अख़बार टाइम्स अॉफ इंडिया ने संपादक के.आर. श्रीनिवास को प्रशासनिक छुट्टी पर भेज दिया है। श्रीनिवास के ख़िलाफ़ ऐक्शन लेने के लिए सात महिलाओं ने टाइम्स अॉफ इंडिया को शिकायत दी थी। अंग्रेजी अख़बार बिज़नेस स्टैंडर्ड के पत्रकार मयंक जैन को भी #MeToo कैंपेन में नाम आने पर नौकरी से इस्तीफ़ा देना पड़ा।
AIB की टीम के सदस्य उत्सव चक्रवर्ती पर एक महिला ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। इस मामले के तूल पकड़ते ही AIB ने उत्सव और तन्मय को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया। टीम के सदस्य गुरसिमरन खंबा पर भी एक महिला ने उत्पीड़न का आरोप लगाया था। AIB ने गुरसिमरन खंबा को छुट्टी पर भेज दिया।
1997 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी ऑफिसों के लिए एक यौन उत्पीड़न विरोधी पैनल बनाना जरूरी कर दिया था। इसे विशाखा गाइडलाइंस का नाम दिया गया था। कोर्ट ने कहा था कि ऑफिसों में महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए जाने चाहिए और ध्यान रखा जाए कि इसका पालन हो रहा है या नहीं। लेकिन ऐसा होता नहीं दिखता, क्योंकि अगर कोर्ट के निर्देशों का पालन हुआ होता और अपराधियों को तभी सज़ा मिल गई होती तो इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को आज सार्वजनिक मंच पर अपनी बात कहने पर मजबूर नहीं होना पड़ता।
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