प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की एक अदालत को बताया है कि अगुस्ता वेस्टलैंड मामले के एक आरोपी क्रिश्चन मिशेल ने पूछताछ में सोनिया गाँधी का नाम लिया है। यह नाम किस संदर्भ में लिया है, यह ईडी के वकील ने नहीं बताया लेकिन सारे मीडिया में ख़बर चल गई कि मिशेल ने सोनिया का नाम लिया। मैं नहीं जानता कि इस मामले में सोनिया, राहुल या किसी भी कांग्रेसी नेता का हाथ है या नहीं लेकिन बिना संदर्भ बताए किसी का नाम लिए जाने का ज़िक्र करना और उसके आधार पर हेडलाइन चलवा देना अपने-आपमें एक राजनीतिक बदमाशी है। इस तरह से तो किसी भी आरोपी के मुँह से किसी का भी नाम बुलवाया जा सकता है। मसलन कल को रफ़ाल से जुड़े किसी आरोपी से पूछा जाए कि अभी भारत का प्रधानमंत्री कौन है और वह नरेंद्र मोदी का नाम ले तो क्या सीबीआई का वकील कोर्ट से कहेगा कि हम संदर्भ तो नहीं बताएँगे लेकिन रफ़ाल मामले में संदिग्ध इस आरोपी ने मोदी का नाम लिया? और क्या तब मीडिया यह हेडलाइन चलाएगा कि रफ़ाल के आरोपी ने मोदी का नाम लिया!
मोदी जी, आपका भी नाम कुछ बदनाम लोग लेते हैं...
- राजनीति
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- 31 Dec, 2018

यदि क्रिश्चन मिशेल द्वारा पूछताछ में सोनिया गाँधी का नाम लेने से वे संदिग्ध हो जाती हैं तो सहारा-बिड़ला काग़ज़ात में मोदी जी का नाम आने से वे संदिग्ध क्यों नहीं होते?
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश