loader

महाराष्ट्र में ख़रीद -फ़रोख़्त से सरकार बनाने को तैयार थी बीजेपी : अठावले

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने खुल कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश नही आता तो विधायकों की ख़रीद-फ़रोख्त होती और महाराष्ट्र में सरकार बीजेपी की ही बनती। सत्य हिन्दी की करंट अफ़ेयर्स एडिटर नीलू व्यास ने 'स्वराज एक्सप्रेस' के लिए उनसे ख़ास बातचीत की।  उन्होंने क्या कहा, आप भी पढ़ें। 
नीलू व्यास
‘राजनीति में कोई नैतिकता नहीं बची है, सब कुछ जायज है, साम-दाम-दंड-भेद, सब कुछ चलता है।’ विश्लेषकों और पर्यवेक्षकों के मुँह से आपने ये बातें सुनी होंगी। पर यदि यही बातें कोई नेता कहे और वह भी कैमरा के सामने तो आप यकीन करेंगे? 

महाराष्ट्र में जब बीजेपी सरकार बनाने में अंत में नाकाम हो ही गई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर अंगुलियाँ उठने लगीं। बाहर के लोग तो उनकी 'चाणक्य नीति' पर सवाल उठा ही रहे थे और उन पर तंज कस ही रहे थे, पार्टी के अंदर भी सुगबुगाहट होने लगी। लोग दबी ज़ुबान से ही सही, उनकी आलोचना करने लगे हैं।
अठावले ने विस्तार से बताया कि किस तरह बीजेपी महाराष्ट्र में ‘ऑपरेशन लोटस’ चला रही थी, जिसके तहत किसी भी सूरत में बीजेपी को सरकार बनानी थी। इसके तहत ही राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार को अपनी ओर लाया गया। वे अपने साथ 54 विधायकों का समर्थन पत्र भी ले आए थे। अठावले ने खुल कर कहा कि विधायकों की ख़रीद-फ़रोख़्त होती और पार्टी को इसमें कोई दिक्क़त नहीं थी। उन्होंने कहा : 

यदि अदालत ने हस्तक्षेप नहीं किया होता और खुले मतदान और पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने का आदेश नहीं दिया होता तो पार्टी विधायकों की ख़रीद फ़रोख़्त कर सरकार बनाने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थी।


रामदास अठावले, केंद्रीय, मंत्री

अठावले ने एनसीपी पर पीठ में छुरा भोंकने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी माना कि संवैधानिक रूप से ग़लत काम किया गया और कैबिनेट की मंज़ूरी के बग़ैर ही रातोंरात चीजें बदल गईं। अठावले ने कवि के अंदाज में कहा : ‘रात के अंधेरे में उजाले करने की कोशिश कर रहे थे।’ 

मोदी सरकार के इस मंत्री ने कहा कि राजनीति में ख़ास कर चुनावी राजनीति में अंत में जो चीज मायने रखती है, वह है संख्या। अठावले के मुताबिक़, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस भी इसी खेल में थीं, वे ज़रूरी संख्या जुटाने की कोशिश में थीं, कोई नैतिकता का ख्याल उन्हें नहीं था।
'बीजेपी भी वही संख्या जुटाने में लगी हुई थी, उसके लिए भी नैतिकता का कोई ख़ास महत्व नहीं था। दोनों का मक़सद एक ही था और दोनों एक तरीके से ही काम कर रहे थे।'
अठावले ने विस्तार से बताया कि आख़िर अंत में क्यों बीजेपी सरकार बनाने में नाकाम रही। उन्होंने इसके लिए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की आलोचना की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाने पर लिया। अठावले ने कहा,

मैंने सलाह दी थी कि मुख्यमंत्री का पद तीन साल तक बीजेपी के पास रहे और दो साल तक शिवसेना के पास, इस फ़ॉर्मूले पर काम किया जाए। पर केंद्रीय नेतृत्व ख़ास कर प्रधानमंत्री इस बात पर अड़ गए कि मुख्यमंत्री पद किसी हाल में शिवसेना को नहीं देना है, बस, इसी बात पर मामला ख़त्म हो गया।


रामदास अठावले, केंद्रीय, मंत्री

उन्होंने यह भी ज़ोर देकर कहा कि मौजूदा सरकार अस्थायी होगी। शिवसेना कुछ दिन में ही टूट कर अलग हो जाएगी और बीजेपी के पास चली आएगी। अठावलने का मानना है कि एनसीपी के विधायक टूट कर अलग हो जाएंगे और सरकार गिर जाएगी और ऐसा जल्द ही होगा।       

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
नीलू व्यास
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें