विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने उद्धव ठाकरे खेमे को बड़ा झटका दिया है। उन्होंने विधायकों की अयोग्यता की याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने उद्धव ठाकरे द्वारा वर्तमान सीएम एकनाथ शिंदे को शिवसेना के समूह नेता के पद से हटाने के फैसले को भी पलट दिया है। नार्वेकर ने कहा, 'यह ध्यान रखना उचित होगा कि शिवसेना के संविधान में पक्ष प्रमुख नामक कोई पद नहीं है (जो कि उद्धव ठाकरे के पास था)। पक्ष प्रमुख की इच्छा राजनीतिक दल की इच्छा का पर्याय नहीं है। पार्टी अध्यक्ष के पास किसी को भी पद से हटाने का अधिकार नहीं है।' स्पीकर ने यह फ़ैसला शिवसेना के संविधान को आधार बनाकर दिया।
शिंदे खेमा ही असली शिवसेना, शिंदे को नहीं हटा सकते थे उद्धव: स्पीकर
- महाराष्ट्र
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- 10 Jan, 2024
उद्धव ठाकरे की शिवसेना से बगावत कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने वाले एकनाथ शिंदे खेमे को झटका लगा या उनके पक्ष में फ़ैसला आया? जानिए, विधायकों की अयोग्यता पर क्या है फ़ैसला।

नार्वेकर ने फ़ैसला देने से पहले शिवसेना के संविधान की व्याख्या भी की। उन्होंने 2018 में शिवसेना के संविधान में किए गए संशोधन को मानने से इनकार कर दिया। स्पीकर ने कहा है कि शिवसेना का 2018 का संविधान स्वीकार्य नहीं है और चुनाव आयोग में 1999 में जमा किया गया संविधान ही मान्य होगा। उन्होंने कहा, 'प्रतिद्वंद्वी समूहों के उभरने से पहले ईसीआई को आखिरी बार प्रासंगिक संविधान 1999 में सौंपा गया था। मेरा मानना है कि ईसीआई द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को दिया गया शिवसेना का संविधान यह तय करने के लिए शिवसेना का प्रासंगिक संविधान है कि कौन सी राजनीतिक पार्टी असली है।'