loader
शरद पवार

महाराष्ट्रः शरद पवार ने कहा- जहां-जहां भाजपा कमजोर वहां-वहां दंगे 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार राज्य में "समुदायों के बीच अशांति पैदा कर रही है।" पवार ने कहा, "उन क्षेत्रों में सांप्रदायिक दंगे कराए गए हैं जहां भाजपा कमजोर है ताकि राजनीतिक लाभ उठाया जा सके। अगर कानून व्यवस्था खराब है, तो राज्य को इसकी कीमत चुकानी होगी।"

एनसीपी के 24वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक समारोह में बुधवार को शरद पवार ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में राज्य में छह स्थानों पर सांप्रदायिक झड़पें हुई हैं। महाराष्ट्र में पिछले कुछ महीनों में अकोला, औरंगाबाद और अहमदनगर सहित विभिन्न जिलों में कई सांप्रदायिक झड़पें देखी गई हैं। 
ताजा ख़बरें
उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस साल जनवरी से मई के बीच 3,152 महिलाएं लापता हो गई हैं। पवार ने यह भी दावा किया कि पिछले पांच महीनों में अकेले महाराष्ट्र में 391 किसानों की आत्महत्या से मौत हो गई है।

अपनी पार्टी के सदस्यों को संबोधित करते हुए एनसीपी प्रमुख ने उनसे भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह किया। पवार ने कहा कि "अगर ऐसी सरकार सत्ता में वापस आती है, तो अनिश्चितता होगी कि चुनाव दोबारा होंगे या नहीं। इस देश को जलने से बचाना हमारा कर्तव्य ही नहीं, बल्कि हमारा धर्म है।"

शरद पवार ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पिछले महीने नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था क्योंकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी नहीं चाहते थे कि प्रोटोकॉल और संवैधानिक पदानुक्रम में उनसे ऊपर कोई भी व्यक्ति भवन का उद्घाटन करे। पवार ने कहा, "नए संसद भवन का उद्घाटन किसने किया? यदि राष्ट्रपति को प्रोटोकॉल के अनुसार आमंत्रित किया गया था, तो उन्हें इसका उद्घाटन करना होगा। नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किए जाने का यही एकमात्र स्पष्टीकरण है।"एनसीपी प्रमुख ने कहा, ''संस्थाओं और संवैधानिक पदों का सम्मान नहीं किया जा रहा है।''
शरद पवार ने मणिपुर में जारी हिंसा पर कहा कि सीमावर्ती राज्य की स्थिति का पड़ोसी देश दुरुपयोग कर सकते हैं। राज्य में पिछले 45 दिनों से हिंसा हो रही है, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों के पास मौजूदा स्थिति और इससे क्या हो सकता है, इसके बारे में सोचने का समय नहीं है।"

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी, जो इस समय अमेरिका में हैं, को देश की आंतरिक स्थिति से निपटने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। प्रधानमंत्री जहां चाहें जा सकते हैं, लेकिन पहले उन्हें आंतरिक स्थिति से निपटना चाहिए और इसके लिए हाथ में मौजूद शक्ति का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। 
महाराष्ट्र से और खबरें

अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई को आयोजित 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के बाद मैतेई और कुकी समुदायों के बीच भड़की हिंसा के बाद से राज्य में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्र सरकार अब जागी है और उसने 24 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें