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मीरा रोड पर बुलडोजर

महाराष्ट्रः कथित दंगाइयों पर बुलडोजर एक्शन, पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में भीड़ घुसी

हिंदूवादी संगठनों के सदस्यों और भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के छात्रों के बीच मंगलवार दोपहर को संस्थान परिसर में छात्र संघ द्वारा लगाए गए एक बैनर को लेकर झड़प हो गई, जिसमें कहा गया था कि बाबरी मस्जिद विध्वंस संविधान के खिलाफ था। 

पुलिस ने कहा कि बैनर को दक्षिणपंथी हिंदुत्व संगठनों के सदस्यों ने आग लगा दी। घटना के बाद परिसर के अंदर और बाहर भारी पुलिस तैनात की गई। पुलिस ने दंगा नियंत्रण वैन और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों (क्यूआरटी) को भी तैनात किया। डेक्कन जिमखाना पुलिस ने कहा कि घटना दोपहर करीब 1.30 बजे एफटीआईआई परिसर में हुई, जो पुणे शहर के लॉ कॉलेज रोड पर स्थित है।

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एक पुलिस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “प्रारंभिक जांच से पता चला है कि एफटीआईआई छात्र संघ ने परिसर में एक बैनर प्रदर्शित किया था। हमारी जानकारी से यह भी पता चलता है कि परिसर में बाबरी मसजिद-राम जन्मभूमि मुद्दे के इतिहास से संबंधित एक फिल्म (राम के नाम) की स्क्रीनिंग और तस्वीरों की एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी।”

पुलिस अधिकारी ने बताया कि एफटीआईआई में तैनात एक सुरक्षा अधिकारी संजय जाधव (54) द्वारा दायर शिकायत के आधार पर, परिसर में प्रवेश करने वाले 12 से 15 लोगों के खिलाफ मंगलवार शाम को एफआईआर दर्ज की गई है। जांच से पता चला है कि समूह के सदस्य एक संगठन से नहीं बल्कि पुणे स्थित कई हिंदुत्व दक्षिणपंथी समूहों से संबंधित हैं। हम उन सभी व्यक्तियों की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं जो समूह का हिस्सा थे।

एफआईआर में कहा गया है, “दोपहर करीब 1.30 बजे, 12 से 15 लोगों का एक समूह अवैध तरीके से एफटीआईआई परिसर के बाहर जमा हुआ। वे पूछ रहे थे कि एफटीआईआई के छात्र 'राष्ट्र-विरोधी' कृत्यों में कैसे शामिल हैं। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट की और अवैध रूप से परिसर में प्रवेश किया और भड़काऊ नारे लगा रहे थे। वे छात्रों से पूछ रहे थे कि वे 'देश-विरोधी' काम क्यों कर रहे हैं। उन्होंने छात्रों की पिटाई की और बैनर को नीचे खींच लिया और फाड़ दिया और आग लगा दी और छात्रों को धमकी भी दी गई।”

मीरा रोड पर बुलडोजर चले

मुंबई के पास मीरा रोड पर नगर निगम ने मंगलवार को नया नगर इलाके में सड़क किनारे कई सारे कथित "अवैध" दुकानों को तोड़ दिया। बुलडोजर की कार्रवाई अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन इलाके में सांप्रदायिक झड़प के दो दिन बाद हुई है। हालांकि यहां पर तनावपूर्ण माहौल की वजह से 21 जनवरी को ही पुलिस बल तैनात था। लेकिन 22 जनवरी को दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं।

मीरा भयंदर वसई-विरार पुलिस ने 50-60 लोगों के खिलाफ कथित तौर पर एक व्यक्ति पर हमला करने का मामला दर्ज किया है, जो अयोध्या में राम मंदिर की मूर्ति प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर जुलूस का हिस्सा था। इस दौरान दोनों समुदायों में झड़प भी हुई थी। पुलिस ने 13 लोगों को हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ "शून्य सहनशीलता" है। इसके बाद मंगलवार को मीरा रोड पर बुलडोजर से कार्रवाई की गई। हालांकि दुकानदारों के पास वैध लाइसेंस और परमिट थे, लेकिन उनकी दुकानों को बिना कोई नोटिस दिए गिरा दिया गया। मीरा रोड इलाके में रहने वाले अल्पसंख्यकों की ओर से इस कार्रवाई का कोई प्रतिरोध नहीं हुआ। 

मीरा रोड पर पुलिस ने बेशक बुलडोजर एक्शन खास वर्ग की दुकानों पर चलाया है। लेकिन वहां से जो वीडियो सामने आ रहे हैं, उनमें कई अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने की बात आ रही है। मोहम्मद तारिक (21), मोहम्मद मेराज (24) और दीन अली (27) एक मिनी टेम्पो में प्लास्टिक डिस्पोजल ले जा रहे थे, जब 23 जनवरी को मीरा रोड पर हिंदू संगठनों की भीड़ ने उन पर हमला किया। राशिद टेम्पो सर्विसेज के मालिक अब्दुल हक़ चौधरी (54) ने कहा कि हमला करने वालों ने उनके बेटे और अन्य 2 कर्मचारियों को मारा पीटा। उनमें से एक के हाथ में सात टांके लगे हैं और अन्य दो हमले से गंभीर रूप से घायल हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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