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परमबीर सिंह समेत 28 लोगों पर वसूली का केस दर्ज

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं। परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ आए दिन जबरन वसूली और धमकी देने के मामले दर्ज हो रहे हैं। अब परमबीर और उनके करीबी पुलिस वालों पर ठाणे नगर पुलिस स्टेशन में जबरन वसूली और धमकी देने के मामले में एफ़आईआर दर्ज की गई है। एफ़आईआर में 28 लोगों के नाम हैं। 

जिन लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है, उनमें परमबीर सिंह के अलावा अंडरवर्ल्ड डॉन रवि पुजारी, एक डीसीपी और एक एसीपी का भी नाम शामिल है। पिछले एक हफ़्ते में परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ हफ़्ता वसूली का ये दूसरा मामला दर्ज हुआ है। 

बिल्डर ने दर्ज कराया है मामला

ठाणे नगर पुलिस स्टेशन में शुक्रवार को एक बिल्डर केतन तन्ना की शिकायत पर ये एफ़आईआर दर्ज की गई है। आरोप लगाया गया है कि जनवरी 2018 से फरवरी 2019 के बीच जब परमबीर सिंह ठाणे पुलिस में कमिश्नर थे तब उन्होंने केतन तन्ना को अलग-अलग मामलों में फंसाने की धमकी देकर एक करोड़ 25 लाख रुपये की उगाही की थी। 

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तन्ना ने यह भी आरोप लगाया है कि परमबीर सिंह के द्वारा की गई जबरन उगाही में तत्कालीन डीसीपी दीपक देवराज, असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर एन.टी. कदम और इंस्पेक्टर राजकुमार कोथमिरे भी शामिल थे। यही कारण है कि केतन तन्ना ने 28 लोगों के ख़िलाफ़ जबरन उगाही, धमकी देने और आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में एफ़आईआर दर्ज कराई है। 

सोनू से भी उगाही का आरोप

केतन तन्ना ने आरोप लगाया कि परमबीर सिंह और उनके गैंग के लोगों ने उसके मित्र और सट्टेबाजी के आरोप में गिरफ़्तार बुकी सोनू जालान से भी इसी तरह की धन उगाही की थी। केतन तन्ना ने परमबीर सिंह पर आरोप लगाया है कि पहले उन्होंने सोनू जालान से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की,  उसके बाद उसे क्रिकेट में सट्टेबाजी के आरोपों में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। 

गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच पहले ही परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ सोनू जालान द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत की जांच कर रही है। सोनू ने परमबीर और उनके लोगों के ख़िलाफ़ अवैध वसूली की शिकायत की थी।

प्रदीप शर्मा का भी नाम 

एफ़आईआर में रिटायर्ड एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और मनसुख हिरेन हत्याकांड में शामिल पुलिस अफसर प्रदीप शर्मा, डीसीपी दीपक देवराज, असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर एनटी कदम और इंस्पेक्टर राजकुमार कोठमिरे, दो जूनियर पुलिस अधिकारी और कुछ सिविलियन समेत 28 लोग शामिल हैं। यह मामला जबरन उगाही और धमकी देने समेत विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया है।

Case against Parambir Singh Don Ravi Pujari - Satya Hindi

गौरतलब है कि परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की जबरन उगाही का आरोप लगाया था। इसके बाद अनिल देशमुख को गृह मंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। हाई कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में अब ईडी जांच कर रही है। 

अभी तक की जांच में ईडी को अनिल देशमुख द्वारा मुंबई रेस्टोरेंट और बार के मालिकों से 4 करोड़ की रकम लेने के सुबूत मिले हैं। 

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अनिल देशमुख को झटका

शुक्रवार को अनिल देशमुख को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने अनिल देशमुख की गिरफ्तारी से रोकने की याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही ईडी ने अनिल देशमुख और उनके बेटे और उनकी पत्नी को सोमवार को हाजिर होने का समन जारी किया है। 

ईडी के सूत्रों का कहना है कि अगर इस बार अनिल देशमुख ईडी के दफ्तर में पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे तो ईडी उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकती है। ईडी इस मामले में अनिल देशमुख के ख़िलाफ़ जांच कर रही है और कई बार नोटिस जारी कर चुकी है।

परमबीर के ख़िलाफ़ कई मामले दर्ज

इसी साल मार्च में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी हुई स्कॉर्पियो मिली थी। बाद में एनआईए की जांच में पता लगा कि उस गाड़ी को मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाज़े ने पार्क किया था। 

स्कॉर्पियो मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के बाद परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था। इसके बाद ही परमबीर ने तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की उगाही के आरोप लगाए थे। परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो भी एक मामले में जांच कर रही है।

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सोमदत्त शर्मा
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