शीना बोरा हत्याकांड में जो पीटर मुखर्जी चार साल से ज़्यादा समय से जेल में हैं उनके मामले में बॉम्ब हाई कोर्ट ने कहा है कि उनके ख़िलाफ़ प्रारंभिक तौर पर कोई सबूत नहीं है। जिसके ख़िलाफ़ चार साल में ऐसा सबूत नहीं इकट्ठा किया गया हो कि सरसरी तौर पर भी सबूत माना जाए उसे इतने लंबे समय तक जेल की सज़ा क्यों काटनी पड़ी? क्या पीटर मुखर्जी बेगुनाह हैं या फिर सीबीआई जैसी एजेंसी अपना वह काम नहीं कर रही है जो उसे करना चाहिए? या फिर सीबीआई नाकारा है?