रोज़गार के घटते मौके और हर साल लाखों की तादाद में नए लोगों के रोज़गार की तलाश में आने की बात चुनाव के ठीक पहले एक बार फिर उठ रही है। भारतीय उद्योग परिसंघ यानी (कनफ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्रीज़) सीआईआई ने इस पर गहरी चिंता जताते हुए शुक्रवार को कहा कि बीते चार साल में लघु व सूक्ष्म उद्योगों में सिर्फ़ 3 लाख नौकरियाँ बनीं है। इसी दिन सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) ने आँकड़ा जारी करते हुए कहा कि फ़रवरी के अंत में बेरोज़गारी बीते साल इसी समय की बेरोज़गारी की तुलना में 7.2 प्रतिशत ज़्यादा है। और इसी दिन पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि उनकी पार्टी के तीन चुनावी नारे होंगे---रोज़गार, रोज़गार और रोज़गार।
रोज़गार और रफ़ाल जैसे मुद्दे पर ही बीजेपी को घेर सकती है कांग्रेस
- विश्लेषण
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- 10 Mar, 2019
कांग्रेस ने संकेत दे दिया है कि वह रफ़ाल और बेरोज़गारी जैसे मुद्दों को चुनाव में उठाएगी ताकि सत्तारूढ दल को घेरा जा सके।
