पाकिस्तानी रुपया लगातार छठे दिन गिरते हुए शुक्रवार को अपने न्यूनतम स्तर पर पहुँच गया। कारोबार बंद होते समय एक अमरीकी डॉलर की कीमत 144 रुपए थी। पाक मुद्रा ने दिन भर में पाँच फ़ीसद की गिरावट दर्ज की।
बाज़ार निराश
यह इमरान ख़ान सरकार के सौ दिन पूरे करने के ठीक एक दिन बाद हुआ है। पाकिस्तान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से और कर्ज़ लेने की कोशिश की थी, पर वह बातचीत बग़ैर किसी नतीजे के ख़त्म हो गई। वित्त मंत्री असद उमर ने भी कोई वैकल्पिक योजना पेश नहीं की। उसके बाद बाज़ार को ऐसा लगा कि सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोई ख़ास कोशिश नहीं कर रही है। लिहाज़ा, उसकी निराशा बढी और रुपया टूटने लगा। पाकिस्तान स्टेट बैंक ने पहले ही मुद्रा का परोक्ष रूप से अवमूल्यन कर दिया था। नई सरकार से लोगों को उम्मीदें थीं, वे पूरी नहीं हुईं।पाक अर्थव्यवस्था बेहद बुरी स्थिति में है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत जो कुछ निवेश हो रहा है, उसका बहुत बड़ा हिस्सा चीनी अर्थव्यवस्था से ही जुड़ रहा है। गलियारा बन जाने के बाद भले ही पाकिस्तान को फ़ायदा हो, पर फ़िलहाल इसे कुछ नहीं मिल रहा है।