मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबडे को आख़िर यह क्यों कहना पड़ा कि देश संकट के दौर से गुजर रहा है? क्या इसकी वजह यह है कि नागरिकता क़ानून के मुद्दे पर स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है?