एक सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 2022 में अनुसूचित जाति (एससी) के खिलाफ सबसे अधिक अत्याचार की सूचना मिली है। रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जताई गई है कि आरोपियों को मिलने वाली सजा की दर घट गई है। 2022 में, सजा की दर गिरकर 32.4 प्रतिशत हो गई, जो 2020 में 39.2 प्रतिशत थी। हालांकि पिछले 10 वर्षों में अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों और ईसाईयों पर भी अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन इन समुदायों से संबंधित कोई रिपोर्ट सरकार के पास उपलब्ध नहीं है। दलितों के मुकाबले अब अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं।
दलित अत्याचार में यूपी, एमपी, राजस्थान टॉप परः सरकारी रिपोर्ट
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- 29 Mar, 2025
दलितों पर अत्याचार की घटनाएं कभी रुकी ही नहीं। लेकिन अब सरकारी रिपोर्ट बता रही है कि भाजपा शासित राज्यों में दलित अत्याचार की घटनाएं सबसे ज्यादा हुई हैं। हालांकि सत्तारूढ़ दल भाजपा बाबा साहब अंबेडकर का नाम भुनाने में आगे रहती है। दूसरी तरफ बहुजन समाज की नेता मायावती का रवैया भाजपा के प्रति नरम रुख वाला रहता है। दलित संगठन भी दलितों पर होने वाले अत्याचार को लेकर पहले जैसे मुखर नहीं हैं।
