अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें न्याय विभाग को लगभग आधी सदी पुराने रिश्वतविरोधी कानून को लागू करने से रोकने का निर्देश दिया गया है। उसी कानून का इस्तेमाल अडानी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी की जांच शुरू करने के लिए किया गया था। समझा जाता है कि इस घटनाक्रम से अडानी समूह को फायदा होगा।