कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को ईडी ने नया समन जारी किया है। इसमें उन्हें 21 जुलाई को जांच एजेंसी के सामने हाजिर होने के लिए कहा गया है। इससे पहले भी ईडी ने सोनिया गांधी को समन किया था लेकिन कोरोना होने और उसके बाद दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती होने के चलते वह ईडी के सामने पेश नहीं हो पाई थीं। कुछ दिनों बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी।
सोनिया और राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में हुई कथित गड़बड़ियों के लिए ईडी की ओर से समन भेजा गया था।
हालांकि उनके बेटे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ईडी के सामने पेश हुए थे और उनसे कई दिन तक जांच एजेंसी के अफसरों ने पूछताछ की थी।
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देश भर में प्रदर्शन
राहुल गांधी से पूछताछ के विरोध में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने देशभर में जोरदार प्रदर्शन किया था और ईडी के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया था।
दिल्ली में भी कांग्रेस कार्यकर्ता और बड़े नेता सड़क पर उतरे थे और इस दौरान उनकी दिल्ली पुलिस के साथ जमकर नोकझोंक हुई थी।
कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था और सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस के प्रदर्शन और राहुल गांधी से पूछताछ को लेकर माहौल खासा गर्म रहा था।
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क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि सोनिया और राहुल गांधी ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान कर यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए कांग्रेस के स्वामित्व वाले एसोसिएट जरनल लिमिटेड (एजेएल) की 90.25 करोड़ की रकम वसूलने का अधिकार हासिल कर लिया था।
स्वामी ने इस मामले में दिल्ली की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। स्वामी की याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने आयकर विभाग से यंग इंडिया लिमिटेड के खिलाफ जांच करने के लिए कहा था। इस मामले में ईडी ने भी प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत नया केस दर्ज किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एजेएल को 1937 में शुरू किया था। 2010 में कंपनी में 1057 शेयर धारक थे और नुकसान होने के बाद 2011 में इसके स्वामित्व को यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी को ट्रांसफर कर दिया गया था। एजेल की ओर से अंग्रेजी अखबार नेशनल हेराल्ड, उर्दू अखबार कौमी आवाज़ और हिंदी अखबार नवजीवन प्रकाशित किया जाता था।
यंग इंडिया लिमिटेड का गठन 2010 में किया गया था और इसमें राहुल गांधी और कांग्रेस के एक नेता निदेशक थे। राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास इस कंपनी के 76 फ़ीसदी शेयर थे और 24 फ़ीसदी शेयर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस के पास थे।
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