सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की तीन न्यायाधीशों की पीठ मंगलवार को मामले की सुनवाई करेगी।
9 अगस्त को सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर की निर्मम हत्या कर दी गई। इस घटना के कारण पूरे देश में आक्रोश फैल गया और विरोध प्रदर्शन हुआ। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें अदालत से इस घटना का संज्ञान लेने का आग्रह किया गया।
इस घटना के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, देश भर के डॉक्टरों ने इस मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। घटना के एक दिन बाद पुलिस ने मामले में पुलिस से जुड़े एक सिविल वॉलंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा कि वह इस मामले में मुख्य संदिग्ध है। बाद में पुलिस जांच में खामियों का हवाला देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई को सौंप दिया।
13 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा कोलकाता पुलिस से मामले को स्थानांतरित किए जाने के बाद सीबीआई की एक टीम मामले की जांच कर रही है। अब तक पता चला है कि डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के आरोपी संजय रॉय की पत्नी ने खलीघाट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। 14 अगस्त की बर्बरता के मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों में दो टीएमसी कार्यकर्ता, कई किशोर या 20 के दशक के पुरुष और कुछ महिलाएं शामिल हैं।
सीबीआई ने लगातार तीसरे दिन सरकारी आरजी कर मेडिकल एंड कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष से पूछताछ की।
रिपोर्ट है कि मुख्य संदिग्ध कोलकाता पुलिस का सिविल वॉलंटियर संजय रॉय है, जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की पुलिस चौकी पर तैनात था और सभी विभागों तक उसकी पहुंच थी।
उसे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया गया, जिसमें उसे उस बिल्डिंग में घुसते हुए दिखा था, जहां डॉक्टर की हत्या की गई थी। सीसीटीवी फुटेज में महिला के शव के बगल में मिले ब्लूटूथ हेडसेट को उसकी गर्दन पर देखा जा सकता है। यह हेडसेट उसके फोन से भी जुड़ा हुआ पाया गया।
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