टीआरपी स्कैम के मामले में रिपब्लिक टीवी को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने रिपब्लिक टीवी की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। इसने याचिका दायर कर सीबीआई जाँच की माँग की थी। कोर्ट ने चैनल से कहा कि 'जाँच का सामना कर रहे एक आम नागरिक की तरह' आप भी बॉम्बे हाईकोर्ट जाइए। इसके बाद रिपब्लिक टीवी ने अपनी याचिका वापस ले ली।
टीआरपी स्कैम के मामले में मुंबई पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए अर्णब गोस्वामी का यह चैनल सुप्रीम कोर्ट में पहुँचा था। इस टीआरपी स्कैम का खुलासा मुंबई पुलिस ने पिछले हफ़्ते ही किया है। पुलिस का दावा है कि कुछ टीवी चैनल पैसे देकर अपनी टीआरपी बढ़ाया करते थे। इस मामले में रिपब्लिक टीवी पर गंभीर आरोप लगे हैं। दो टीवी चैनलों के मालिकों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया गया है और रिपब्लिक टीवी की जाँच चल रही है।
इस मामले में एक दिन पहले ही चैनल के कार्यकारी संपादक निरंजन नारायण स्वामी व पत्रकार अभिषेक कपूर टीआरपी घोटाले प्रकरण में मुंबई पुलिस के समक्ष बुलाया गया था। इस मामले में रिपब्लिक टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास खानचंदानी से मुंबई पुलिस की अपराध शाखा 11 अक्टूबर को ही पूछताछ कर चुकी है। टेलीविजन रेटिंग में कथित धांधली के इस मामले में रिपब्लिक टीवी सहित तीन चैनलों के नाम सामने आए हैं। मुंबई पुलिस ने दावा किया है कि विज्ञापन की ऊँची क़ीमतें वसूलने के लिए ये चैनल रेटिंग से छेड़छाड़ करा रहे थे जो कि धोखाधड़ी की श्रेणी में आती है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि चैनल पुलिस जाँच में बाधा डालना चाहता है। कल देर रात सुप्रीम कोर्ट में दायर एक अग्रिम याचिका में मुंबई पुलिस ने कहा कि रिपब्लिक टीवी मामले में संगठित कार्यक्रमों द्वारा और 'गवाहों को डराकर' क़ानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहा है।'
सुनवाई के दौरान मुंबई पुलिस ने जाँच प्रक्रिया में हस्तक्षेप किए जाने और गवाहों को डराने का आरोप भी लगाया।
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