loader
दिल्ली के झंडेवालान में आरएसएस का नया दफ्तर

दिल्ली में आरएसएस का नया दफ्तर, 150 करोड़ खर्च, किसके चंदे से बना?

दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने नये दफ्तर को खोल दिया है। 5 लाख वर्ग फीट जगह में फैला नया दफ्तर भी केशव कुंज के नाम पर ही है। जिसमें टावर, ऑडिटोरियम, एक पुस्तकालय, एक अस्पताल और एक हनुमान मंदिर है। इस दफ्तर में 19 फरवरी को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत स्वयंसेवकों से मिलने वाले हैं।

आरएसएस खुद को एक एनजीओ बताता है जो समाज सेवा के काम में जुटा हुआ है। उसके दिल्ली दफ्तर को बनाने पर 150 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। संघ का दावा है कि यह पैसा उसे स्वयंसेवकों से मिला है। कुछ पैसा संघ से जुड़े लोगों से भी मिला। 7 स्टार बताये जा रहे संघ के इस दफ्तर में सारी सुख सुविधाएं मौजूद हैं। यह अलग बात है कि कई राज्यों में भाजपा के जिला कार्यालय अब आलीशान भवनों में जा चुके हैं। जिन्हें सरकार से सस्ती कीमत पर जमीन मिली है। हरियाणा में ऐसे आधुनिक बीजेपी दफ्तर को निजी कंपनियों ने बनाये हैं, जिन्हें लेकर विवाद भी रहा है। हरियाणा में आरएसएस का पानीपत के पास बनाया गया प्रकल्प भी चर्चा में रहा है। जो एक तरह का भव्य ट्रेनिंग सेंटर ही है।
ताजा ख़बरें

आरएसएस के राजनीतिक मुखौटे बीजेपी के केंद्र की सत्ता में आने के बाद आरएसएस का काम भी काफी बढ़ गया है।नये दफ्तर को आरएसएस के बढ़ते काम को सहयोग देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अपनी आधुनिक सुविधाओं के साथ, केशव कुंज में ट्रेनिंग और बैठकों के लिए मुख्यरूप रूप से काम करेगा। पुस्तकालय रिसर्च में मदद करेगा, और भव्य ऑडिटोरियम में बड़ी सभाएं होंगी। 

दिल्ली के झंडेवालान में स्थित केशव कुंज (नई बिल्डिंग) में बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का दफ्तर ट्रांसफर हुआ। यह करीब चार एकड़ में फैला है। खास बात यह है कि यहां पर पांच बेड वाला अस्पताल और आराम करने के लिए बड़े लॉन भी हैं। संघ का नया दफ्तर भाजपा मुख्यालय से भी बड़ा है और इसमें संघ के कार्यालय, आवासीय स्थान और अन्य गतिविधियों के लिए जगह है।

नवनिर्मित आरएसएस मुख्यालय में तीन टावर हैं। जिन्हें “साधना”, “प्रेरणा” और “अर्चना” नाम दिया गया है। इन टावरों में सामूहिक रूप से 300 कमरे, कार्यालय स्थान, कॉन्फ्रेंस हॉल और ऑडिटोरियम हैं। कुछ ऐसे कमरे भी हैं, जहां हर स्वयंसेवक को जाने की अनुमति नहीं होगी। वो संघ प्रमुख या संघ के बड़े नीति निर्धारकों के लिए सुरक्षित हैं।

चंदे पर जोर

चुनावी बांड यानी बांड के रूप में चंदे की वजह से बदनाम हुई बीजेपी से आरएसएस ने सबक लिया है। हालांकि बीजेपी भी आरएसएस का हिस्सा है। आरएसएस के छोटे पदाधिकारी से लेकर बड़े पदाधिकारी तक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यह स्वयंसेवकों के पैसे से बना है। संघ के एक पदाधिकारी के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि नया मुख्यालय पूरी तरह से आरएसएस कार्यकर्ताओं और संघ से जुड़े लोगों के दान से बनाया गया है। पदाधिकारी ने कहा, "मुख्यालय बनाने में मदद के लिए 75,000 लोगों ने 5 रुपये से लेकर कई लाख रुपये तक का दान दिया है।" 

देश से और खबरें

साधना टावर संगठन के कार्यालयों के लिए समर्पित है, जबकि प्रेरणा और अर्चना टावरों को आवासीय परिसरों के रूप में डिज़ाइन किया गया है। प्रेरणा और अर्चना टावरों के बीच एक बड़ा खुला स्थान है, जिसमें एक सुंदर लॉन और आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार की मूर्ति है।

(रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी)
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें