हम यह बात क्यों कर रहे हैं, आइए आपको बताते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में हुई एक रैली में राहुल गाँधी पर तंज कसते हुए राजीव गाँधी के लिए कहा, ‘आपके पिताजी को आपके राज दरबारियों ने गाजे-बाजे के साथ मिस्टर क्लीन बना दिया था। लेकिन देखते ही देखते भ्रष्टाचारी नम्बर वन के रूप में उनका जीवनकाल समाप्त हो गया।’
Modi Ji,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 5, 2019
The battle is over. Your Karma awaits you. Projecting your inner beliefs about yourself onto my father won’t protect you.
All my love and a huge hug.
Rahul
शहीदों के नाम पर वोट माँगकर उनकी शहादत को अपमानित करने वाले प्रधानमंत्री ने कल अपनी बेलगाम सनक में एक नेक और पाक इंसान की शहादत का निरादर किया। जवाब अमेठी की जनता देगी जिनके लिए राजीव गांधी ने अपनी जान दी। हाँ मोदीजी ‘यह देश धोकेबाज़ी को कभी माफ नहीं करता’।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 5, 2019
अब सवाल यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाषा के इतने निचले स्तर तक जाने की क्या ज़रूरत आन पड़ी? इसका कारण यह भी हो सकता है कि मोदी जी को लग रहा हो कि वह चुनाव हार रहे हैं। क्योंकि हताशा और निराशा में नेता क्या सामान्य व्यक्ति भी भद्दे और ऊल-जूलूल बयान दे देते हैं।
एक और सवाल है कि क्या प्रधानमंत्री ने ऐसा पहली बार किया है? बता दें कि मोदी इससे पहले भी कई बार ऐसे बयान दे चुके हैं जिन्हें लेकर ख़ासा विवाद हो चुका है।
डिस्लेक्सिया बीमारी को राहुल-सोनिया से जोड़ा
इस साल मार्च में डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चों के लिए एक योजना का जिक़्र आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे राहुल गाँधी की तरफ़ मोड़ दिया था।स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2019 कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग में एक छात्रा प्रधानमंत्री को डिस्लेक्सिया की बीमारी से पीड़ित बच्चों के लिए एक योजना के बारे में बता रही थी। लेकिन प्रधानमंत्री ने छात्रा को बीच में ही रोकते हुए पूछा था, 'क्या किसी 40-50 साल के बच्चे के लिए भी यह योजना काम आएगी?।’ अगर ऐसा हुआ तो तब तो ऐसे बच्चों की माँ बहुत ख़ुश हो जाएगी। प्रधानमंत्री के बयान को लेकर जनता की ओर से सोशल मीडिया पर काफ़ी कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई थी।बीके हरिप्रसाद को कहा था 'बिके'
पिछले साल अगस्त में राज्यसभा में उपसभापति के चुनाव को लेकर एनडीए उम्मीदवार हरिवंश की जीत पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, 'अब सब कुछ 'हरि' भरोसे है। दोनों पक्षों के प्रत्याशियों के नाम में 'हरि' जुड़ा है। ये चुनाव था जहाँ दोनों तरफ हरि थे, लेकिन एक तरफ बीके थे, उनके आगे बीके था, बीके हरि... कोई ना बिके। हरिवंश के सामने कोई 'बिके' नहीं।' इस चुनाव में कांग्रेस की ओर से बीके हरिप्रसाद उम्मीदवार थे। मोदी ने जिस तरह बीके हरिप्रसाद को ‘बिके’ कहकर संबोधित किया था उसका विपक्षी सदस्यों ने जोरदार विरोध किया था। तब पीएम की टिप्पणी को राज्यसभा की कार्यवाही से हटाना पड़ा था। विपक्षी सदस्यों ने दावा किया था कि संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रधानमंत्री की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाना पड़ा।सोनिया को कहा था विधवा!
पीएम मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को जयपुर में एक चुनावी रैली में कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोपों को लेकर हल्ला बोला था। इसी दौरान वह विधवा पेंशन स्कीम का हवाला दे रहे थे। मोदी ने कहा था, ‘कांग्रेस के शासन के दौरान सरकारी सूचियों में हज़ारों ‘विधवाओं’ के नाम दर्ज़ थे लेकिन हक़ीक़त में उनका कोई वजूद ही नहीं था और पैसा इन विधवा खातों में जाता था।’ तब यह माना गया था कि यह बयान उन्होंने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गाँधी को लेकर दिया है।
50 करोड़ की गर्लफ़्रेंड
2012 में गुजरात में एक चुनावी रैली में मोदी ने तत्कालीन केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की निजी जिंदगी पर टिप्पणी की थी। थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए उन्होंने कहा था, ‘वाह क्या गर्लफ़्रेंड है? आपने कभी देखा है 50 करोड़ की गर्लफ़्रेंड को? मोदी का इशारा थरूर और उनसे जुड़े 2011 के आईपीएल विवाद को लेकर था जिसमें सुनंदा पुष्कर शामिल थीं। राजीव गाँधी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर अंत में यही कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति से इस तरह के बयान की अपेक्षा क़तई नहीं की जा सकती।
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