कांग्रेस ने बीजेपी पर ईडी, आईटी और सीबीआई का दुरुपयोग कर उगाही करने का आरोप लगाया है। इसने आरोप लगाया कि निजी कंपनियों से भाजपा के लिए चंदा वसूलने के लिए जांच एजेंसियों का 'दुरुपयोग' किया गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि रिपोर्टों में सामने आया है कि वसूली एजेंट बन चुकी एजेंसियों की जांच में फंसी 30 कंपनियों ने भाजपा को जांच के दौरान 335 करोड़ का चंदा दिया।
राहुल ने कहा, "देश में प्रधानमंत्री ‘वसूली भाई’ की तरह ईडी, आईटी और सीबीआई का दुरुपयोग कर ‘चंदे का धंधा’ कर रहे हैं। चंदे का धंधा इतनी बेशर्मी से चल रहा है कि एमपी की एक डिस्टिलरी के मालिकों ने बेल मिलते ही भाजपा को चंदा दिया।"
क्या आपको प्रधानमंत्री की ‘चंदा दो, बेल और बिजनेस लो’ योजना के बारे में पता है?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 23, 2024
देश में प्रधानमंत्री ‘वसूली भाई’ की तरह ED, IT और CBI का दुरुपयोग कर ‘चंदे का धंधा’ कर रहे हैं।
रिपोर्ट्स में सामने आया है कि वसूली एजेंट बन चुकी एजेंसियों की जांच में फंसी 30 कंपनियों ने भाजपा को…
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "मोदी राज में भाजपा को दिया ‘अवैध चंदा’ और ‘इलेक्टोरल बॉन्ड’ ही ‘ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस’ की गारंटी है।" उन्होंने इसको लेकर तंज कसा कि क्या आपको प्रधानमंत्री की ‘चंदा दो, बेल और बिजनेस लो’ योजना के बारे में पता है?
इस मामले में कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2022-23 के बीच बीजेपी को कुल लगभग 335 करोड़ रुपये का चंदा देने वाली कम से कम 30 कंपनियों को उस अवधि में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कार्रवाई का सामना करना पड़ा। इस बीच कांग्रेस के संगठन प्रभारी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है।
जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी पूछा कि क्या सरकार भाजपा के वित्त पर एक 'श्वेत पत्र' लाएगी और यह भी बताएगी कि कैसे कॉर्पोरेट कंपनियों को उनके खिलाफ जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके चंदा देने के लिए 'मजबूर' किया गया था।
उन्होंने पूछा, "अगर आपके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो क्या आप उन घटनाओं की 'क्रोनोलॉजी' पर बिंदु-दर-बिंदु खंडन पेश करने को तैयार हैं, जिनके कारण भाजपा का खजाना भर गया।"
कांग्रेस के तीन सवाल-
- जिस तरह मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था पर श्वेतपत्र प्रकाशित किया था, क्या उसी तरह 'हफ्ता वसूली' पर श्वेतपत्र प्रकाशित करेंगे?
- बीजेपी सरकार कहती है कि उनकी फंडिंग में पारदर्शिता है, तो क्या चुनाव आयोग ने न्यूज पोर्टल से जो जानकारी ली है, आप उसका खण्डन करेंगे?
- अगर आपकी नीयत साफ है तो क्या आप सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच स्वीकार करेंगे?
रमेश ने कहा, 'एक तरफ कांग्रेस पार्टी के खिलाफ उत्पीड़न और प्रतिशोध की राजनीति हो रही है, वहीं दूसरी तरफ निजी कंपनियों के खिलाफ ईडी, सीबीआई, आईटी का दुरुपयोग किया जा रहा है ताकि उनसे हफ्ता वसूली हो सके। यह लोकतंत्र के खिलाफ है, लेकिन प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सत्ता पाने के लिए सारी हदें पार कर रहे हैं।'
LIVE: Congress party briefing by Shri @Jairam_Ramesh at AICC HQ. https://t.co/cZK34KQLbZ
— Congress (@INCIndia) February 23, 2024
निर्मला सीतारमण को लिखे अपने पत्र में वेणुगोपाल ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बीजेपी और कुछ फर्मों के बीच लेनदेन हुए जिन्होंने ईडी, आईटी और सीबीआई के छापों की कार्रवाई के बाद इसे चंदा दिया था। वेणुगोपाल ने कहा है कि चुनाव आयोग के कई दस्तावेजों द्वारा इसे प्रमाणित किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे केंद्रीय एजेंसियों आईटी, ईडी, सीबीआई की प्रोफेशनल कार्यशैली और इन संस्थाओं की स्वतंत्रता, स्वायत्तता के बारे में गंभीर सवाल उठते हैं।
The Enforcement Directorate is the Extortion Department for Modi and Shah. The media revelations of 30 companies being coerced to donate to the BJP show that the entire country’s financial system has been brought to its knees to arrange funding for the ruling regime.
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) February 23, 2024
Not only… pic.twitter.com/RjD1z2Mn57
वेणुगोपाल ने कहा है कि 30 कंपनियों में से 23 कंपनियों ने, जिन्होंने इस अवधि के दौरान भाजपा को कुल 187.58 करोड़ रुपये दिए, 2014 और छापे के वर्ष के बीच भाजपा को कभी भी कोई चंदे की राशि नहीं दी थी। कांग्रेस नेता ने अपने पत्र में कहा, 'इनमें से कम से कम चार कंपनियों ने केंद्रीय एजेंसी के दौरे के चार महीने के भीतर कुल 9.05 करोड़ रुपये का चंदा दिया।' उन्होंने आरोप लगाया कि इनमें से कम से कम छह कंपनियाँ, जो पहले से ही भाजपा को दानकर्ता थीं, ने तलाशी के बाद के महीनों में भारी रकम दी।
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