सुशांत सिंह राजपूत का इलाज करने वाले दो डॉक्टरों के बयान से अदालत से बाहर ही रिया चक्रवर्ती को दोषी साबित करने पर तुले लोगों को झटका लगेगा। इससे यह भी सवाल खड़ा होता है कि क्या एक साज़िश के तहत रिया को फँसाने की कोशिश की गयी?
अब सुशांत सिंह राजपूत का इलाज करने वाले दो डॉक्टरों ने भी साफ़ कह दिया है कि वह डिप्रेशन, एंग्जायटी और बायपोलर डिसऑर्डर के शिकार थे। उन्होंने तो यहाँ तक कहा है कि सुशांत अस्तित्व के संकट का सामना कर रहे थे और उनको एक-एक मिनट कई दिनों के बराबर लगता था। दोनों डॉक्टरों का यह बयान सुशांत की मौत के बाद मुंबई पुलिस ने रिकॉर्ड किया था। इससे पहले मुंबई पुलिस को दिए बयान में सुशांत की दो बहनों ने भी स्वीकार किया था कि उन्हें 2013 से ही सुशांत की मानसिक दिक्कतों की जानकारी थी। इससे पहले सुशांत की अपनी बहन प्रियंका से वाट्सऐप चैट में भी बात सामने आई थी कि उनकी बहन ने डिप्रेशन, एंग्जायटी वाली दवाइयों का प्रिस्क्रिप्शन भेजा था। मुंबई पुलिस द्वारा रिकॉर्ड किए गए ये सारे बयान सीबीआई को सौंप दिए गए हैं और केंद्रीय एजेंसी ही पूरे मामले की जाँच कर रही है।
मुंबई पुलिस को डॉक्टरों द्वारा दिए गए ये बयान रिया चक्रवर्ती को पाक-साफ़ क़रार देते लगते हैं, लेकिन हाल की अधिकतर टीवी चैनलों की रिपोर्टिंग जिस तरह से हुई वो रिया को सुशांत की मौत का दोषी क़रार देती हुई लगीं। सुशांत के परिवार ने जो आरोप लगाए हैं अधिकतर टीवी रिपोर्टों में उसी एंगल से रिपोर्टिंग होती रही है।
सुशांत के पिता के के सिंह मौत के लिए रिया चक्रवर्ती को ज़िम्मेदार ठहराते रहे हैं और उन्होंने पटना में एफ़आईआर दर्ज कराई थी। सुशांत के पिता ने दावा किया है कि 2019 में जब रिया चक्रवर्ती उनकी ज़िंदगी में आईं उससे पहले सुशांत के किसी मानसिक बीमारी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। अब तक उनका परिवार यह कहता रहा है कि उन्हें सुशांत के डिप्रेशन की जानकारी नहीं है। और यही कारण है कि उनकी मौत के मामले में पूरी जाँच अब सुशांत की बीमारी के ईर्दगिर्द घूम रही है। सुशांत की मौत मामले की जाँच अब उनकी मेडिकल रिपोर्ट पर भी काफ़ी निर्भर करेगी।
बहरहाल, सुशांत की मौत के बाद जब मुंबई पुलिस जाँच कर रही थी तब उसने सुशांत का इलाज करने वाले मनोचिकित्सकों का बयान भी दर्ज किया था। 'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार, एक मनोचिकित्सक ने पुलिस को बताया, 'जब मैंने पूछा कि कहने के बावजूद उन्होंने दवाइयाँ लेनी शुरू क्यों नहीं की, तो वह हँस कर रह गए और कुछ भी नहीं कहा। मैंने उनसे नियमित रूप से दवा लेने के लिए कहा... इसलिए, मैंने उन्हें सांत्वना दी और मिस रिया से कहा कि वह देखें कि सुशांत सिंह राजपूत नियमित रूप से दवाएँ ले रहे हैं या नहीं। रिया ने मुझे बताया कि वह उनकी बात नहीं सुनते हैं और वह क्या कर सकती हैं।'
मनोचिकित्सक ने कहा कि जब उन्होंने शुल्क माँगा तो रिया चक्रवर्ती ने उन्हें कहा कि वह घर छोड़ रही हैं और उनके बारे में आगे के फ़ैसले उनकी बहन लेंगी। वह कहते हैं कि इसके छह दिन बाद ही उन्हें अभिनेता की मौत के बारे में टीवी से पता चला।
डॉक्टर ने कहा, 'गंभीर एंग्जायटी, गंभीर अवसाद, और अस्तित्व के संकट का सामना कर रहे व्यक्ति की आत्महत्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं। ये कारण मुख्य रूप से ऐसे व्यक्तियों के नकारात्मक विचारों से आते हैं। ऐसे व्यक्तियों में एक मज़बूत भावना घर कर जाती है कि उसको अतीत में बड़ा नुक़सान हुआ है और जिसे भरा नहीं जा सकता है... ऐसी परिस्थितियों में यदि वह चलाए जा रहे इलाज को बंद कर देता है तो वो बीमारियाँ जटिल हो सकती हैं और चिकित्सा मनोरोग के अनुसार वह आत्महत्या जैसे आख़िरी क़दम भी उठा सकता है।'
डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत के डिप्रेशन और एंग्जायटी का नवंबर 2019 में इलाज किया था, तब वह उनसे पहली बार अस्पताल में मिले थे।
उन्होंने कहा, 'उस समय उन्होंने मुझे ऐसी चीजें बताईं जैसे, उन्हें नींद नहीं आ रही है या भूख नहीं है, उन्हें अब ज़िंदगी में कुछ भी पसंद नहीं है, वह जीने की इच्छा नहीं रखते हैं और उन्हें हर समय डर लगता रहता है। उसके बाद मैंने प्राथमिक तौर पर बीमारी का इलाज किया। सुशांत सिंह राजपूत अवसाद और एंग्जायटी से पीड़ित थे। उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें पिछले 10 दिनों से ये लक्षण दिख रहे थे।'
उन्होंने यह भी कहा कि जब भी उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की जाँच की तो रिया चक्रवर्ती उनके साथ होती थीं और 'उनके व्यवहार और उनकी बातों से लगता था कि वह उनके बारे में बहुत चिंतित हैं।'
20 साल की उम्र से एंग्जायटी थी?
‘एनडीटीवी’ की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को दिए बयान में दूसरी मनोचिकित्सक कहती हैं कि उन्हें पहली बार अक्टूबर 2019 में परामर्श के लिए सुशांत सिंह राजपूत के बारे में एक मैसेज मिला था। उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला कि वह जब 20 साल के थे तभी से एंग्जायटी से पीड़ित थे। 'इसके बाद उन्हें 2013-14 में भी ये लक्षण दिखे और मुझे पता चला कि हर बार लक्षण गंभीर होते गए। सुशांत सिंह को इस बीमारी के बारे में पता था, लेकिन वह नियमित उपचार नहीं ले रहे थे। थोड़ा बेहतर महसूस करने के बाद वह दवाइयों को बंद कर देते थे, जब वे मेरे पास आए थे उनकी बीमारी काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई थी।'
डॉक्टर ने उनके लक्षणों को बायपोलर डिसऑर्डर का संकेत बताया। उन्होंने कहा, ‘बायपोलर डिसऑर्डर के लक्षण रासायनिक असंतुलन, काफ़ी ज़्यादा पैसे ख़र्च करना, चार से पाँच दिन तक नहीं सोना, बहुत जल्दी कुछ करने की इच्छा और सब कुछ खोना महसूस करना हैं। उस सत्र में सुशांत सिंह में बोलने और सोचने में तेज़ गति और अत्यधिक बेचैनी के लक्षण देखे गए। वह यह भी महसूस करते थे कि एक मिनट की अवधि भी कई दिनों की तरह होती है और इसीलिए उनकी बेचैनी और डर बहुत बढ़ गया था।'
रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल नवंबर में सुशांत रिया के साथ डॉक्टर के पास गए थे। डॉक्टर के अनुसार रिया ने जल्द अप्वाइंटमेंट देने को कहा था क्योंकि उन्हें डर लग रहा था और सुशांत को तुरंत सहायता की ज़रूरत थी। डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने पूछा कि क्या उन्हें आत्महत्या के विचार आ रहे हैं और उन्होंने कहा- 'हाँ'।
‘एनडीटीवी’ की रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर ने कहा, ‘सुशांत सिंह 15/11/2019 को मेरे पास रिया चक्रवर्ती के साथ आए थे। उस समय मैंने उन्हें बायपोलर डिसऑर्डर के बारे में बताया था और बताया था कि वह ठीक हो जाएँगे यदि वह नियमित रूप से और उचित उपचार लेंगे। ... मैंने उन्हें क्लिनिकल परीक्षण के लिए फिर से 18 नवंबर को आने के लिए कहा... उसके बाद मैंने पाया कि उन्होंने बायपोलर डिसऑर्डर के बारे में बहुत कुछ पढ़ लिया है। बिना किसी कारण के वह दुखी थे। मुझसे बात करते हुए भी वह कई बार रोने लग रहे थे। वह ख़ुद के बारे में अत्यधिक नेगेटिव महसूस कर रहे थे।’
डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने 24 नवंबर को फिर से क्लिनिकल ट्रायल को बुलाया, लेकिन वह नहीं आए, उन्होंने कहा कि रिया चक्रवर्ती ने उन्हें मैसेज किया कि 'सुशांत सिंह की बहन घर आ रही हैं और संभव है कि वह उनके साथ जाएँ।'
डॉक्टर के अनुसार 7 जून को रिया चक्रवर्ती ने कहा कि उनका स्वास्थ्य सही नहीं था और अगले दिन सवा ग्यारह बजे का अप्वाइंटमेंट लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि सुशांत ने दवाएँ लेनी बंद कर दी हैं और इस कारण उनका स्वास्थ्य बेहद ख़राब हो गया है, उनके परिवार के सदस्य आएँगे।
डॉक्टर ने कहा, '(रिया) ने जो बात की उस पर मैंने महसूस किया कि वह उसे बीमारी से बाहर निकालने के लिए सुशांत का बेहद ख्याल रख रही थी, लेकिन जब वह अपनी बीमारी की उपेक्षा कर रहे थे, तब वह भी काफ़ी हताश हो गई थी।'
डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने दवा लेनी बंद कर दी थी और उनका बायपोलर डिसऑर्डर काफ़ी बड़े स्तर का हो गया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने बार बार कहा था कि उनकी बीमारी ठीक हो जाएगी, लेकिन वह आश्वस्त नहीं थे और उन्हें लगता था कि उनकी वजह से उनके परिवार को कष्ट उठाना पड़ेगा।
मुंबई पुलिस को दिए इन दोनों मनोचिकित्सकों के बयान से साफ़ है कि सुशांत एंग्जायटी, बायपोलर डिसऑर्डर और डिप्रेशन का शिकार थे और उनकी स्थिति जून महीने तक आते-आते बेहद ख़राब हो गई थी। डॉक्टरों के अनुसार उन्होंने दवाएँ लेनी भी छोड़ दी थीं और रिया उनके लिए बेहद चिंतित थीं। लगता है कि सीबीआई जाँच के दौरान इन डॉक्टरों की रिपोर्ट पर ग़ौर ज़रूर करेगी और ऐसे में रिया के ख़िलाफ़ जो बिना सबूत के अनाप-शनाप आरोप लगाए जा रहे हैं, उनको सबक़ मिलेगा।
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