क़रीब 35 साल से राजनीति का हिस्सा रहीं प्रियंका गांधी ने पहली बार राजनीतिक पारी की शुरुआत की है। उन्होंने बुधवार को वायनाड उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। इस मौक़े पर एक कार्यक्रम के दौरान प्रियंका ने कहा कि वह पिछले 35 वर्षों से चुनाव प्रचार कर रही हैं, लेकिन यह पहली बार है जब वह अपने लिए चुनाव प्रचार कर रही हैं।
कलपेट्टा में एक मेगा रोड शो के बाद प्रियंका जिला कलेक्ट्रेट गईं और जिला कलेक्टर और रिटर्निंग ऑफिसर डी आर मेघश्री के समक्ष अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ उनके भाई राहुल और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे। उनकी मां सोनिया गांधी और पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल भी मौजूद थे। प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा और बेटे रेहान कलेक्टर के चैंबर के बाहर खड़े रहे।
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— Congress (@INCIndia) October 23, 2024
प्रियंका ने कहा, 'जब मैंने अपने पिता (पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी) के लिए प्रचार किया था, तब मैं 17 साल की थी। फिर मैंने अपनी मां और भाई तथा अपने कई सहयोगियों के लिए प्रचार किया। 35 वर्षों से मैं विभिन्न चुनावों में प्रचार करती रही हूं, लेकिन यह पहली बार है जब मैं किसी चुनाव में प्रचार कर रही हूं तथा अपने लिए आपका समर्थन मांग रही हूं। यह एक बहुत ही अलग एहसास है।'
उन्होंने चुनाव लड़ने का अवसर देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, 'यदि आप मुझे मौका देते हैं, तो आपका प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात होगी।'
केरल की वायनाड सीट उन 48 लोकसभा सीटों में शामिल है जहां 13 नवंबर को मतदान होना है। मतों की गिनती महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के नतीजों के साथ 23 नवंबर को होगी। वायनाड के लिए नामांकन भरने से पहले शक्ति प्रदर्शन के लिए वायनाड और पास के कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों से हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं ने कलपेट्टा में रोड शो में हिस्सा लिया।
प्रियंका के साथ राहुल, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के सुधाकरन और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष पनक्कड़ सादिक अली शिहाब थंगल एक खुले वाहन में थे।
वायनाड उपचुनाव की ज़रूरत इसलिए पड़ी क्योंकि 2019 से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी ने अप्रैल 2024 के चुनावों में दोनों सीटें जीतने के बाद उत्तर प्रदेश के रायबरेली को बरकरार रखने के लिए इसे खाली कर दिया था।
उपचुनाव 13 नवंबर को होगा और प्रियंका का मुक़ाबला वरिष्ठ भाकपा नेता सत्यन मोकेरी और भाजपा की कोझीकोड नगर पार्षद नव्या हरिदास से होगा। सीट जीतने को लेकर आश्वस्त कांग्रेस प्रियंका का बहुमत बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
यह पहली बार है जब सोनिया, राहुल और प्रियंका केरल में किसी चुनाव के लिए एक साथ प्रचार कर रहे हैं। केरल में सोनिया का पिछला चुनाव अभियान राज्य विधानसभा चुनावों से पहले अप्रैल 2016 में था। राहुल 2019 से वायनाड का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लेकिन सोनिया ने उनके लिए प्रचार नहीं किया था।
इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों में, जब राज्य में अधिकांश यूडीएफ उम्मीदवारों की जीत का अंतर 2019 की तुलना में तेजी से बढ़ा था, तब राहुल का अंतर 2019 में 4.31 लाख से घटकर 3.64 लाख रह गया था। इस बार, पार्टी ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई आत्मसंतुष्टि न हो, सांसदों और विधायकों को वायनाड लोकसभा सीट में विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों का प्रभार दिया है। अधिकतम मतदाता मतदान सुनिश्चित करने के लिए कई वरिष्ठ नेता भी वायनाड में डेरा डाले हुए हैं।
उपचुनाव ऐसे समय में हो रहा है जब वायनाड 30 जुलाई के विनाशकारी भूस्खलन से अभी तक उबर नहीं पाया है जिसमें 251 लोग मारे गए थे और 47 लापता हो गए थे। उपचुनाव में राहत उपाय मुद्दा होगा। कांग्रेस और एलडीएफ दोनों ही प्रभावित गांवों के लिए पैकेज घोषित करने में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की अनिच्छा की आलोचना करते हैं।
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