प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके़े पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए एक बार फिर बड़े-बड़े सपने दिखाए हैं। देश के गंभीर आर्थिक संकट, बेरोज़गारी और लगातार टूटते सामाजिक ताने-बाने की अनदेखी करते हुए मोदी ने देश की जनता से भविष्य में बहुत कुछ कर दिखाने का वादा किया है। मोदी ने अपने वादों को पूरा करने की कोशिशों को गंगा की तरह पवित्र बताया है। लेकिन दुनिया जानती है कि आज गंगा कितनी पवित्र है?