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पहलवानों का आरोप- जाँच पैनल बृजभूषण को बचाने की कोशिश में: चार्जशीट

बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के महिला पहलवानों के आरोपों की जाँच ओवरसाइट कमेटी ने आख़िर किस तरह से की? दिल्ली पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र में कहा गया है कि महिला पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जाँच करने वाली ओवरसाइट कमेटी की मंशा पर सवाल उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह कमेटी उनके प्रति पक्षपातपूर्ण था। महान भारतीय मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम के नेतृत्व में सरकार द्वारा गठित छह सदस्यीय ओवरसाइट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया।

बृजभूषण को दो दिन की अंतरिम जमानत

पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर को दो दिनों के लिए अंतरिम जमानत दे दी। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने बृजभूषण सिंह को राहत देते हुए उन्हें 25,000 रुपये के जमानत बांड भरने का निर्देश दिया। अदालत उनकी नियमित जमानत याचिका पर अगली दलील 20 जुलाई, 2023 से सुनेगी।

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बृजभूषण सिंह के बयान वाली 24 पेज की ओवरसाइट कमेटी की रिपोर्ट की एक कॉपी को चार्जशीट के साथ अदालत में पेश किया गया है। उसमें मोटे तौर पर उन घटनाओं का ज़िक्र है जो महिला पहलवानों ने एफ़आईआर में दर्ज कराई थी। इसी मामले में पुलिस ने अदालत में चार्जशीट पेश की है। पहलवानों ने ओवरसाइट कमेटी पर संदेह जताया है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार शिकायतकर्ताओं ने अपने अलग-अलग बयानों में आरोप लगाया है कि पैनल बृजभूषण सिंह के प्रति पक्षपाती दिखता है। 1599 पन्नों की चार्जशीट में 44 गवाहों के बयान के अलावा शिकायतकर्ताओं के छह बयान शामिल हैं जो सीआरपीसी 164 के तहत दर्ज किए गए थे।

रिपोर्ट के अनुसार शिकायतकर्ताओं में से एक ने कहा, 'ओवरसाइट कमेटी के समक्ष अपना बयान देने के बाद भी जब भी मैं फेडरेशन कार्यालय गई, आरोपी ने मुझे घृणित और वासनापूर्ण आंखों से देखा और गलत इशारे किए जिससे मुझे असुरक्षित महसूस हुआ।' उन्होंने आगे कहा, 'यहां तक कि जब मैं अपना बयान दे रही थी तो वीडियो रिकॉर्डिंग भी बंद और चालू की जा रही थी और मेरे अनुरोध के बावजूद समिति ने मुझे मेरी वीडियो रिकॉर्डिंग की एक प्रति नहीं दी। मुझे डर है कि मेरा बयान पूरी तरह से दर्ज नहीं किया गया होगा और हो सकता है कि आरोपियों को बचाने के लिए भी छेड़छाड़ की गई हो।'
एक अन्य शिकायतकर्ता ने कहा कि उसे उसकी सहमति के बिना ऐसे मामलों को देखने के लिए डब्ल्यूएफआई यौन उत्पीड़न समिति का हिस्सा बनाया गया था।

एक शिकायतकर्ता ने कहा, 'मुझे गंभीर संदेह था कि वीडियो पर मेरा बयान पूरी तरह से रिकॉर्ड नहीं किया गया होगा या आरोपियों को बचाने के प्रयास में बदल दिया गया होगा और इसलिए मैंने वीडियो रिकॉर्डिंग की एक प्रति के लिए अनुरोध किया। हालांकि, ओवरसाइट कमेटी के सदस्यों ने साफ इनकार कर दिया।'

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बता दें कि पहले भी ऐसी रिपोर्ट आई थी कि एमसी मैरी कॉम की अगुवाई वाली ओवरसाइट कमेटी की सुनवाई के दौरान एक पहलवान ने शिकायत की थी कि बृजभूषण सिंह ने उसके 'पेट और छाती को 3-4 बार छुआ और उसके सांस लेने के तरीके पर टिप्पणी की थी'। रिपोर्ट के अनुसार हालांकि, बृजभूषण सिंह ने आरोप से इनकार किया और कहा कि सांस लेने का सही तरीका दिखाने के लिए उन्होंने अपने खुद के पेट को छुआ था। आरोप लगाने वाली सभी छह महिला पहलवानों ने कमेटी के सामने उत्पीड़न की घटनाओं का ज़िक्र किया था। 
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क़मर वहीद नक़वी
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